लगातार बढ़ता अतिक्रमण स्थानीय यातायात के लिए बन रहा सर दर्द!

लगातार बढ़ता अतिक्रमण स्थानीय यातायात के लिए बन रहा सर दर्द!

राजनीति के दम पर दबंग अतिक्रमण के आगे प्रशासन नामस्तक।

शाहजहाँपुर:उ०प्र०:27 July 19
(न्यूज़ वाणी ब्यूरो इमरान सागर)

राजनीति आढ़ लिए, अतिक्रमण कारियों के हौसले इतने बुलन्द होते नज़र आ रहे हैं, कि उन्हे सकरी होती सड़को पर, बांधित यातायात और जनमानस की समस्या से कोई मतलब नही दिखाई देता!

नगर की सड़को पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण के आगे प्रशासन पूरी तरह नामस्तक नज़र आ रहा है क्यूँ उसे हटवाने जहाँ उसे लोहे के चने चबाते हुए राजनीति का दबाव सहना पड़ रहा है!

सत्तापक्ष की राजनीति आढ़ लिए अतिक्रमणकारी, नगर की मुख्य सड़को पर जहाँ व्यवसायिकता के चलते अतिक्रमण करने से बाज नही आ रहे हैं तो वही ई-रिक्शा की भरमाण जाम लगा कर सोने पे सुहागा कर रहे हैं! प्रशासन स्तर से चेतावनी देने पर, गरीबो का उत्पीड़न न करने के नाम पर अधिकारियों को तत्काल, राजनीतिक दबाव पड़ना आरंभ हो जाता है जिसके कारण अतिक्रमण कारियों के दिनो दिन बुलन्द होते हौसले सड़को को लगातार सकरी करते जा रहे हैं!

प्राप्त जानकारी के अनुसार जहाँ जनपद शहर स्थित घन्टा घर बहादुरगंज, लाल इमली चौराहा आदि अनेको सड़को को अतिक्रमण सकरी करता जा रहा है तो वहीं पुवाँया, जलालाबाद, मीरानपुर कटरा, कलान जैसे क्षेत्र भी अछूते नही हैं!

जनपद की सबसे बड़ी तहसील मुख्यालय तिलहर नगर का अतिक्रमण के मामले में पहला स्थान कहा जाय तो गलत नही होगा! बाजार बिरियागंज स्थित अतिक्रमण के कारण पुलिस चौकी पूरी तरह ढ़क चुकी है, पालिका की सरकारी भूमि जहाँ सब्जी और चाय के स्टालो के कब्जे में है तो वही चौड़ी सड़क फल फ्रूट की रेहड़ी वालो ने हथिया रखी है! सबसे व्यस्तम मुख्य बाजार में चौराहे पर लगातार लगते जाम का जन्मदाता अतिक्रमण को माना जाय तो कदापि गलत नही होगा!

पैडल रिक्शा खत्म होने के बाद ई-रिक्शा की तो जैसे भरमाण सी तिलहर में हो गई! ई-रिक्शा चालक अधिकांश नावालिग बच्चे सबारी बैठाने की प्रतिस्पर्धा में अक्सर चौराहे पर ही रोक कर जाम लगाने का काम कर रहे और किसी के टोकने पर सीधा कथित नेताओं से शिकायत करते हैं जिससे पुलिस तक को परेशान होना पड़ रहा है!

सूत्रो की माने तो शासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के आदेश को प्रशासन लागू करने में खुद को अस्मर्थ महसूस करते हुए अतिक्रण कारियों के आगे नामस्तक होता नज़र आ रहा है क्यूंकि एक ओर प्रशासन अतिक्रमण हटाने का अभियान सड़क पर चलाने निकलता है तो वही दूसरी ओर उसे गरीबो के साथ अन्नाय ना करने का फरमान मिल जाता है!

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