हैदराबाद में गैंगरेप के बाद डॉक्टर की जहां हत्या हुई, वहीं चारों आरोपियों का एनकाउंटर, पुलिस ने कहा- कानून ने अपना काम किया नौ दिन में न्याय

हैदराबाद. तेलंगाना में 27 नवंबर को अस्पताल से घर लौट रही वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी और दुष्कर्मियों ने शव को जला दिया था। इस मामले में आरोपी चार लॉरी ड्राइवरों और क्लीनरों का शुक्रवार सुबह एनकाउंटर कर दिया गया। एनकाउंटर शादनगर स्थित चतनपल्ली में वहीं हुआ, जहां दुष्कर्मियों ने डॉक्टर की लाश को जला दिया था। सुबह जैसे ही यह खबर फैली, सड़क से लेकर संसद और सोशल मीडिया तक लोगों ने पुलिस की तारीफ की। लेकिन पुलिस के तरीके पर भी सवाल उठने लगे। घटना के करीब 10 घंटे बाद तेलंगाना के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार सामने आए और कहा, ‘‘कानून ने अपना काम किया। यह एनकाउंटर नहीं था। हम चाहते थे कि आरोपी सरेंडर करें, लेकिन वे नहीं माने और क्रॉस फायरिंग में मारे गए।’’

पुलिस कमिश्नर सज्जनार के मुताबिक, एनकाउंटर का पूरा वाकया इस तरह हुआ…
आरोपी हमारी हिरासत में थे। हम उनसे लगातार पूछताछ कर रहे थे। आरोपियों ने पूछताछ ने बताया कि हत्या के बाद उन्होंने झाड़ियों में डॉक्टर का मोबाइल फोन फेंक दिया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह 5:45 बजे चारों आरोपियों को चेरलापल्ली जेल से उसी जगह लाया गया, जहां डॉक्टर का शव जलाया गया था। पुलिस वहां क्राइम सीन रीक्रिएट करने नहीं, बल्कि पीड़ित का मोबाइल फोन ढ़ूंढनी गई थी। आरोपी एक बस में थे। उनके साथ 10 पुलिसकर्मी थे। मौके पर हम पीड़ित का फोन और अन्य सामान तलाश रहे थे, तभी आरोपियों ने पहले डंडों-पत्थरों से पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया। इसके बाद दो आरोपियों आरिफ और चिंताकुंटा ने हमारे दो अफसरों के हथियार छीन लिए और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस पार्टी ने संयम बरता। उन्हें बार-बार सरेंडर के लिए कहा। लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद जवाबी फायरिंग हुई। 15 मिनट बाद जब फायरिंग थमी, तब पुलिसकर्मियों ने देखा तो आरोपियों की मौत हो चुकी थी। उन्हें गोलियां लगी थीं। यह सबकुछ सुबह 5:45 बजे से 6:15 बजे के बीच हुआ। हमने मौके से डॉक्टर का मोबाइल फोन, पावर बैंक और रिस्ट वॉच बरामद की है।

नकाउंटर पर उठते सवाल और कमिश्नर के जवाब
क्या आरोपियों को हथकड़ी बांधकर नहीं ले गए थे?
कमिश्नर 
: नहीं, आरोपियों को हथकड़ी नहीं बांधी गई थी।

एनकाउंटर के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं, क्या कहेंगे?
कमिश्नर
 : नहीं। ये एनकाउंटर नहीं था। हम तो उनका सरेंडर चाहते थे। जवाबी कार्रवाई में वे मारे गए। कानून ने अपना काम किया। लॉ हैज़ डन इट्स ड्यूटी।

दो पुलिसकर्मी घायल हैं, क्या उन्हें भी गोलियां लगी हैं?
कमिश्नर
 : एक एसआई और एक कांस्टेबल जख्मी है। ये पुलिसकर्मी गोलियां लगने से घायल नहीं हुए। उनका इलाज चल रहा है।

इस घटना के बारे में क्या किसी ने रिपोर्ट मांगी है या आप रिपोर्ट देंगे?
कमिश्नर
 : हम मानवाधिकार आयोग, राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। हम हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं।

पुलिस को संदेह- इन आरोपियों ने बाकी राज्यों में भी ऐसी ही घटनाओं को अंजाम दिया होगा
पुलिस कमिश्नर सज्जनार ने कहा- हमने आरोपियों की डीएनए प्रोफाइलिंग कर रखी है। हम कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से भी ऐसे मामलों का डेटा मंगवा रहे हैं, जहां महिलाओं की हत्या के बाद उन्हें जला दिया गया। हमें संदेह है कि इन आरोपियों ने वहां भी ऐसी वारदात को अंजाम दिया होगा।

पिता ने कहा- आज मेरी बच्ची की आत्मा को शांति मिली होगी
एनकाउंटर की खबर मिलने के बाद पीड़ित के पिता ने कहा, “हमारी बच्ची को मरे हुए 10 दिन हो गए। तेलंगाना सरकार, पुलिस और जो लोग मेरे साथ खड़े थे, उन्हें बधाई। मुझे लगता है कि पुलिस ने काफी अच्छा काम किया। अगर अपराधी भाग जाते, तो सवाल उठता कि पुलिस ने उन्हें कैसे भागने दिया। उन्हें दोबारा पकड़ना भी मुश्किल होता। अगर उन्हें दोबारा पकड़ भी लिया जाता, तो आगे सजा देने की कार्रवाई में काफी समय लग जाता। आज मेरी बच्ची की आत्मा को शांति मिल गई होगी।” वहीं, पीड़िता की बहन ने कहा कि आरोपी एनकाउंटर में मारे गए। मैं इससे काफी खुश हूं। यह एक उदाहरण होगा, उम्मीद है आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा। मैं पुलिस और तेलंगाना सरकार को शुक्रिया कहना चाहती हूं।

घटनास्थल पर लगे डीसीपी-एसीपी जिंदाबाद के नारे
पुलिस ने जिस जगह चारों आरोपियों का एनकाउंटर किया, वहां भारी भीड़ जुट गई। पुलिसकर्मी और कमिश्नर सज्जनार जब घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे, तो लोगों ने डीसीपी-एसीपी जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लगाए गए। साथ ही स्थानीय लोगों ने पुलिसवालों पर फूल भी बरसाए।

भगवान ने कानून से पहले आरोपियों को सजा दी: तेलंगाना कानून मंत्री
तेलंगाना के कानून मंत्री ए इंद्राकरण रेड्डी ने एक न्यूज चैनल से कहा- भगवान ने कानून से पहले सजा दे दी आरोपियों को। उनके साथ जो हुआ उससे पूरा हिंदुस्तान खुश है। टीवी में हमने देखा कि आरोपी पुलिस के हथियार लेकर भागने की कोशिश कर रहे थे। जो हुआ अच्छा हुआ।

14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे आरोपी
हैदराबाद में 27 नवंबर को टू-व्हीलर का टायर पंक्चर होने के बाद एक टोल प्लाजा के पास इंतजार कर रही 26 वर्षीय वेटरनरी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। डॉक्टर का जला हुआ शव अगले दिन सुबह मिला था। पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनके नाम मोहम्मद आरिफ, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंताकुंटा चेन्नाकेशवुलु थे। आरिफ की उम्र 26 साल थी, जबकि बाकी आरोपियों की उम्र 20 साल बताई गई। ये सभी ट्रक ड्राइवर और क्लीनर थे, जिन्होंने शराब पीने के बाद 7 घंटे तक डॉक्टर के साथ दरिंदगी की थी। इसके बाद पीड़ित को शादनगर के बाहरी इलाके में जला दिया था। चारों आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।

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