आगरा, आम तौर पर सर्दियां शुरू होने के बाद मौसमी सब्जियों के दाम में कमी आती है, लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं है। दिसंबर का पहला सप्ताह बीत गया, लेकिन मौसमी सब्जियों के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे। प्याज तो मानो अधिकांश घरों की रसोई से बाहर हो गई है।
कारोबारियों के अनुसार महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश से फसल बर्बाद होने से प्याज की आवक कम हो गई है। राजस्थान और लोकल प्याज की आवक बढऩे के बाद ही यह सस्ता होगा। फिलहाल 27 दिसंबर तक प्याज की आवक बढऩे और भाव कम होने की कोई उम्मीद नहीं है।
नवंबर के अंत व दिसंबर की शुरुआत होते-होते फूलगोभी, पत्तागोभी, आलू, टमाटर, बैगन, प्याज, पालक, मटर, मूली, गाजर समेत अन्य सब्जियों की कीमतें काफी कम हो जाती हैं। यह सब्जियां बेहद निचले तबके की पहुंच में भी होती हैं, लेकिन इस वर्ष मौसमी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्जियों की कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। प्याज की बात करें तो गृहणियां अब इसका नाम भी नहीं लेे रहीं। वजह साफ है कि प्याज की कीमत कम होने के बजाय लगतार बढ़ रही है।
प्याज की कीमत आसमान पर
एक माह पहले तक फुटकर बाजार में प्याज 70-80 रुपये किलो में उपलब्ध थी, जो अब 90-100 रुपये प्रति किलो बिक रही है। लहसुन 250-300 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है। प्याज की बढ़ी हुई कीमत की वजह से गली-मोहल्लों में जाने वाले सब्जी विक्रेताओं ने अब प्याज रखना ही बंद कर दिया है। कमला नगर में घर-घर जाकर सब्जी बेचने वाले कमल ने बताया कि प्याज की कीमत इतनी बढ़ गई है कि लोग लेना पसंद ही नहीं कर रहे।
उत्पादन कम होने से बढ़ी कीमत
कारगिल चौराहे के समीप सब्जी बेचने वाले किशन ने बताया कि उत्पादन काफी कम होने के कारण थोक में ही सब्जियां महंगी मिल रही हैं। इसलिए उन्हें भी बढ़ी हुई कीमतों में सब्जी बेचनी पड़ रही है। सब्जियों की कीमतें बढने के कारण बिक्री पर असर पड़ा है, लेकिन सब्जी विक्रेता मुनाफे के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते।
सब्जियों की कीमत (प्रति किलो में) सब्जी, अब, पिछले वर्ष
आलू, 15, 10
टमाटर, 40-50, 20-30
फूल गोभी, 35-40, 20-30
पत्ता गोभी, 30-40, 20-30
अदरक, 80, 60
प्याज, 90-100, 50-60
बींस, 80, 50
गाजर, 40-60, 30-40
खीरा, 40-50, 30-40
बैगन, 40-45, 15-20
मूली, 20-30, 10-15
लौकी, 40-50, 20-30
पालक, 40, 20
मेथी, 50, 20
ये बोले कारोबारी
प्याज के थोक कारोबारी मनोहर लाल, सोहन लाल, दीपक, नितिन व विनोद ने बताया कि सामान्य तौर पर मंडी में रोज करीब 1600 कुंतल प्याज आती है, लेकिन शनिवार को 280 कुंतल ही आई। आवक कम होने व डिमांड अधिक होने से भाव बढ़ रहे हैं। वैसे भी सब्जी के दाम आवक व डिमांड पर रोज निर्धारित होते हैं।
कारोबारी कहते हैं कि यहां प्याज राजस्थान में अलवर की मंडी से ही आ रहा है। यह देश में इकलौती मंडी है जो पूरे देश में इस वक्त प्याज की आपूर्ति कर रही है। ऐसे में प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अलवर की मंडी में 25 दिसंबर से नए माल की आवक होगी, ऐसे में उम्मीद है कि 26 दिसंबर को उन्हें मांग के अनुसार प्याज मिलेगा। 27 दिसंबर को यह प्याज आगरा आ सकता है।