74वां जन्मदिन मना रहे शत्रुघ्न सिन्हा बोले- पहले की तरह पार्टी नहीं करता, सिर्फ परिवार संग वक्त बिताता हूं
मुंबई. शत्रुघ्न सिन्हा 9 दिसंबर को अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा और उनके बेटे लव सिन्हा ने दैनिक भास्कर से बात की। इस दौरान दोनों ने ही पहले मनाए जाने वाले जन्मदिन की यादें साझा कीं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया –
‘मैं अपना जन्मदिन टोटल प्राइवेसी के साथ मनाता हूं। दिन की शुरुआत घर पर पूजा-पाठ और हवन कर भगवान को धन्यवाद देने से होती है। प्रभु को धन्यवाद देते हैं कि उनकी अनुकंपा से आज तक बेदाग जीवन जिया है। एक अच्छा खासा जीवन राजनीतिक, सामाजिक और कला के क्षेत्र में निभाने का मौका दिया है। वैसे मेरा यह दिन पब्लिक के लिए नहीं होता है। यह एक प्राइवेट फैमिली अफेयर है। मुझे हर क्षेत्र में जो ख्याति और नाम मिला है, वह अभूतपूर्व है और अप्रत्याशित है। इसके लिए सबका धन्यवाद कहना चाहूंगा। यह धन्यवाद और अर्पण की घड़ी होती है। अब पहले जैसा नहीं रहा कि पार्टी-शार्टी करूं। बच्चे जरूर इस मौके पर कुछ प्लान बनाते हैं। कभी हम सब साथ बाहर चले जाते हैं या फिर घर पर ही समय व्यतीत करते हैं। इसके अलावा मेरे समर्थक और प्रशंसक इस दिन कुछ दान-पुण्य करते हैं जिसके लिए मैं किसी से कुछ कहता भी नहीं हूं। मैं तो यह भी नहीं कहता हूं कि मेरा जन्मदिन है। यह तो प्रभु का दिया हुआ दिन है। मुझे अपने जन्मदिन पर खुद के बारे में कुछ कहना शोभा नहीं देता है। सच कहूं तो स्वयं का महिमा मंडन करना भी अच्छा नहीं लगता’
‘बचपन की पार्टीज में घर पर 500 लोग मौजूद होते थे और सभी स्टार- लव
- लव ने बातचीत के दौरान बताया – हमारा ट्रेडिशन है कि इस तरह के दिनों पर परिवार साथ रहता है। पहले हम पार्टियां रखते थे पर अब जनरली जश्न नहीं मनाते पर पर्सनल सेलिब्रेशन करते हैं। बचपन में हमने ये भी देखा है कि हमारे घर पर 500 लोग भरे हुए हैं और सभी स्टार हैं। अब हम इस तरह की पार्टी भी देखते हैं जब घर परिवार के 20 लोग मिलकर पार्टी कर रहे हैं।
1999 में जब घर पर पापा का बर्थडे सेलिब्रेट हुआ था उस दिन घर पर सितारों का जमावड़ा लगा हुआ था। उस दिन खास यह था कि पापा की जनरेशन के स्टार भी मौजूद थे और न्यू एज जनरेशन के स्टार भी। वैसे तो पापा को गिफ्ट्स नहीं पसंद आते पर मेरे ख्याल से उनकी लाइफ का अब तक का सबसे बड़ा गिफ्ट मां ही हैं। बचपन में हम तीनों भाई-बहन भी पापा को हैंड मेड कार्ड बनाकर देते थे।
मुझे याद है एक बार पापा को किसी ने बर्थडे पर बहुत भारी माला पहनाई थी तो उन्होंने बाद में वह हम बच्चों को पहना दी। उस माला को संभालना बड़ा मुश्किल था।