धुएं ने सुला दी मौत की नींद ; आह भी न भर सके, नहीं मिला भागने का मौका

नई दिल्ली, फैक्ट्री की तीसरी मंजिल पर शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने कब फैक्ट्री को चपेट में ले लिया कर्मचारियों को पता ही नहीं चला। जिनकी आंख खुली उन्होंने मौत को सामने देखा और जो सोते रहे वह आह किए बिना ही दुनिया को अलविदा कह गए। इस बीच स्थानीय लोगों ने आग बुझाने के लिए काफी जद्दोजहद की लेकिन आग इतनी भयावह थी कि उनके कोशिशें नाकाम हो गई और 43 लोगों की जान चली गई।

घटना के वक्त मौके पर मौजूद एक फैक्ट्री मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें अपनी फैक्ट्री की मशीन ठीक करनी थी। इस वजह से रविवार की सुबह तड़के ही उठ गए थे। उन्होंने बताया कि मशीन ठीक करने के बाद जब वह औजार लेकर गली में निकले तो रेहान की फैक्ट्री की तीसरी मंजिल र्से चिंगारी निकलती देखी। इसके बाद भू-तल पर लगे बिजली के मीटर पर शॉट सर्किट होने लगा। नीचे फैक्ट्री का गेट खुला था। वह तुरंत फैक्ट्री भागकर गए और वहां से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए और तीसरी मंजिल पर जाकर आग बुझाने लगे। लेकिन, सिलेंडर कम पड़ गए, इसके बाद उन्होंने आस पड़ोस की फैक्ट्रियों से 10 सिलेंडर जमा किए और आग बुझाई। लेकिन, प्लास्टिक और कपड़े के कारण आग बढ़ती चली गई। इसके बाद उन्होंने प्लास से बिजली के मीटर से तार काटे, ताकि आग ज्यादा न बढ़ सके।

पांच मिनट पहले ही निकले थे दो पुलिसकर्मी

शनिवार रात को अनाज मंडी स्थित फैक्ट्रियों में काम चल रहा था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जिस फैक्ट्री में आग लगी है, उसके बराबर वाली फैक्ट्री को निगम ने सील करने का नोटिस दिया हुआ है। उस फैक्ट्री से रात में क्रेन की सहायता से मशीनें उतारी जा रही थीं। तड़के 4:45 पर आग लगने से करीब पांच मिनट पहले ही दो पुलिसकर्मी गश्त करते हुए वहां से गुजरे थे। उन्होंने फैक्ट्री मालिक से कहा कि यहां क्रेन लगाना गैरकानूनी है। इसके बाद फैक्ट्री मालिक से र्सेंटग होने के बाद वह चुपचाप वहां से खिसक गए। उनके जाने के पांच मिनट बाद ही फैक्ट्री में आग लग गई।

फिल्मिस्तान सिनेमा हाल के पास अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में लगी आग से 43 लोगों के मारे जाने की खबर के बाद घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मी तथा स्थानीय लोगों की भीड़ व लगी एंबुलेंस की लाइन- ध्रुव कुमार

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