कोलकाता, ऐतिहासिक ईडन गार्डन स्टेडियम अपनी विशालता और खूबसूरती के लिए मशहूर तो है ही, कृष्णा साव की पापड़ी चाट, भेलपुरी और झालमूड़ी के लिए भी जाना जाता है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से लेकर कैप्टन कूल के नाम से मशहूर रहे महेंद्र सिंह धोनी तक कृष्णा की पापड़ी चाट की तारीफ कर चुके हैं। वहीं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली को उनकी झालमूड़ी बेहद पसंद है। 75 साल के कृष्णा पिछले 30 वषों से ईडन गार्डन स्टेडियम के दो नंबर गेट के पास खोमचा लगा रहे हैं।
सचिन-धोनी ने खुश होकर दिए थे 500-500 रुपये
कृष्णा ने सचिन-धोनी से मुलाकात का संस्मरण बयां करते हुए कहा–
‘10-12 साल पहले सचिन मुंबई की टीम की ओर से ईडन में रणजी मैच खेलने आए थे। मैच खत्म होने के बाद स्टेडियम से एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझे अपने साथ खिलाड़ियों के ड्रेसिंग रूम में ले गया। मैंने देखा वहां सचिन व अन्य खिलाड़ी मौजूद थे। सचिन को इतने पास देखकर मैं हैरान रह गया।
क्रिकेट के भगवान को अब तक सिर्फ टीवी पर बल्लेबाजी करते देखा था। लगा कोई सपना देख रहा हूं। वहां मौजूद मुंबई टीम के मैनेजर ने मुझे सबके लिए पापड़ी चाट तैयार करने को कहा। मैंने सबसे पहले सचिन को पापड़ी चाट बनाकर दी। उन्होंने पापड़ी चाट खाने के बाद कहा कि बहुत अच्छी बनाई है। टीम मैनेजर ने मुझे 5,000 रुपये दिए जबकि सचिन ने खुश होकर मुझे अलग से 500 रुपये दिए। उस दिन को मैं कभी नहीं भूल सकता। उसके बाद एक बार महेंद्र सिंह धोनी को पापड़ी चाट खिलाने का मौका मिला। वे एक घरेलू टूर्नामेंट के दौरान ईडन में खेलने आए थे। उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और मेरी पापड़ी चाट खाई थी। धोनी ने भी अपनी तरफ से मुझे 500 रुपये दिए थे।’
कोलकाता के जानबाजार इलाके के रहने वाले कृष्णा ने आगे कहा-‘सौरव गांगुली जब भी ईडन में आते हैं तो मेरी झालमूड़ी मंगवाकर खाते हैं। बंगाल रणजी टीम के पूर्व कप्तान मनोज तिवारी समेत अन्य खिलाड़ी भी मेरी पापड़ी चाट, झालमूड़ी और भेलपुरी काफी पसंद करते हैं।’मूल रूप से बिहार के वैशाली जिले के लावापुर, हसनपुर अंचल के वाशिंदा कृष्णा पिछले तीन दशकों से ईडन के सामने खोमचा लगा रहे हैं।
बंगाल के कई क्रिकेटर व बंगाल क्रिकेट संघ के कई पदाधिकारी उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। कृष्णा बचपन में पिता के साथ कोलकाता आ गए थे। वे पिता के साथ छोटा-मोटा काम करते थे। बड़े हुए तो खोमचे वाला बन गए। कोलकाता में इधर-उधर खोमचा लगाने के बाद एक दिन ईडन के सामने पहुंच गए। इतने बड़े स्टेडियम व वहां लोगों की चहल-पहल देखकर उन्होंने वहीं खोमचा लगाना शुरू कर दिया। कृष्णा दोपहर 12 बजे से लेकर रात आठ बजे तक खोमचा लगाते हैं। परिवार में चार बेटे व तीन बेटियां हैं। उम्र होने के कारण अब बेटे खोमचा लगाने में उनकी मदद करते हैं।