महिलाओं को दुष्‍कर्म से बचाने के लिए जागरण के सहयोग से Sayfty ट्रस्‍ट ने लॉन्‍च किया टूलकिट, एक्‍सपर्ट ने सराहा

नई दिल्ली।  ट्रस्‍ट ने ट्विटर इंडिया, यूएन वीमेन और जागरण न्यू मीडिया के सहयोग से महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए सेफ्टी टूलकिट को लॉन्‍च किया है। Sayfty ट्रस्ट की संस्थापक डॉक्‍टर श्रुति ने कहा कि पहले से कहीं अधिक अब यह टूलकिट समय की जरूरत बन चुकी है। इस टूलकिट की मदद से दुष्कर्म जैसी वीभत्स घटनाओं की शिकार महिलाओं को हर तरह की मदद मिलेगी। UN WOMEN की कार्यक्रम विशेषज्ञ अंजू पांडे ने सेफ्टी टूलकिट का समर्थन करते हुए खुशी जताई है।

जागरण न्‍यू मीडिया की पहल पर सोमवार की शाम को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं के लिए बनाए गए सैफ्टी टूलकिट को लॉन्‍च किया गया। इस मौके पर सैफ्टी ट्रस्ट की संस्थापक डॉक्‍टर श्रुति ने कहा कि अब पहले से कहीं अधिक अब यह टूलकिट समय की जरूरत बन चुकी है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यौन हिंसा से बचे लोगों और सहयोगियों के पास सही उपकरण, संसाधन और जानकारी पहुंच सके। इससे उन्हें न केवल त्वरित न्याय मिल सके, बल्कि उनकी देखभाल की जरूरत भी पूरी हो सके।

UN WOMEN की कार्यक्रम विशेषज्ञ अंजू पांडे ने सेफ्टी टूलकिट का समर्थन करते हुए खुशी जताई। उन्‍होंने कि भारत के आंकड़े और और एनएफएचएस के आंकड़ों के मुताबिक 31.1% विवाहित महिलाएं अपने घर में किसी न किसी रूप में यौन हिंसा का सामना कर रही हैं। रिपोर्ट किए गए मामलों का उच्चतम प्रतिशत घर में पति से हिंसा झेल रही महिलाओं का है।

अंजू पांडे ने कहा कि हम सभी ने अपने जीवन के किसी न किसी मोड़ पर यौन उत्पीड़न का सामना किया है। यौन उत्पीड़न का शिकार महिला के लिए जागरूकता और सूचना का तंत्र होना महत्वपूर्ण है। Sayfty टूल की भाषा सरल और स्पष्ट है। सुरक्षित रहना महिलाओं का जन्मसिद्ध अधिकार है।IAS अधिकारी अनुराधा शंकर ने श्रुति कपूर को बधाई सेफ्टी टूलकिट को लांच करने पर बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि इन दिनों पुलिस थाने सीसीटीएनएस नेटवर्क से कनेक्‍टेड हैं। हर हाल में एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए और इसे ऑनलाइन होना चाहिए। उन्‍होंने पुलिस अधिनियम 1861 के अभी भी उपयोग किए जाने को अच्‍छी बात कहा। IAS अधिकारी ने आगे कहा कि किसी भी तरह रिपोर्ट हो भले ही वह टेलीफोनिक या वेबसाइट पर ही क्‍यों न आई हो उसे दर्ज करना होगा।

IAS अधिकारी अनुराधा शंकर ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपकी रिपोर्ट दर्ज करने से मना किया जाए तो आप एसीपी, डिप्‍टी एससीपी, एसपी या कनिश्‍नर जैसे सीनियर अफसर से इसकी रिपोर्ट कर सकती हैं। अगर पुलिस देरी कर रही है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।

शिकायत दर्ज करते समय क्‍या करें 

– जिस किसी का भी यौन उत्पीड़न किया गया है। उसे मेडिकल जांच के लिए डॉक्‍टर के पास भेजा जाना चाहिए।

महिला पुलिस अधिकारी की सुरक्षा में पीड़ित महिला होनी चाहिए।

– यहां तक कि महिला अधिकारियों की हालत बहुत कमजोर है।

– पीड़िता ने जैसे ही अपनी शिकायत दी है, उसे तुरंत दर्ज किया जाना चाहिए।

– चिकित्सा जांच के लिए किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए।

– अगर आपकी शिकायत नहीं सुनी जा रही है तो 1091 पर सूचित करें।

JNM की महिलाओं से जुड़ी वेबसाइट HerZindagi इसकी अगुवाई में शुरू हुए इस कार्यक्रम में जगोरी की वरिष्ठ सलाहकार सुनीता धर ने कहा कि पुलिस सहायता की सेवाएं भरोसेमंद होनी चाहिए। बिल्डिंग ट्रस्ट जरूरी है। लोग 100 नंबर डायल करने से डरते हैं। एक आपातकालीन हेल्पलाइन होनी चाहिए, जो पीड़ित को तुरंत मदद पहुंचा सके। उन्‍होंने चिंता जताते हुए कहा कि घर, कार्यस्थल, सड़कें और यहां तक कि पुलिस स्टेशन भी सुरक्षित नहीं हैं। यही कारण है कि हम हमारे लिए काम करने की प्रणाली की मांग करते हैं। इस तरह की स्थिति पर रोकथाम महत्वपूर्ण है। मौन सबसे बड़ा अवरोध है। हम सभी को बोलने की जरूरत है।

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