जयपुर. फिल्म पानीपत में विवादित सीन के खिलाफ प्रदर्शन बुधवार को भी जारी रहा। डीडवाना और ब्यावर में लोग फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे। फिल्म में भरतपुर के राजा सूरजमल के चरित्र का चित्रण गलत तरीके से किया गया है। जिसके चलते राजस्थान और हरियाणा में पिछले कई दिनों से फिल्म का विरोध हो रहा था। जिसके चलत तोड़फोड़ की घटना को भी अंजाम दिया गया।
ब्यावर में फिल्म का विरोध करने के लिए जाट समाज के लोग सिटी सिनेमा और जयमंदिर सिनेमा पर विरोध प्रदर्शन किया। यहां फिल्म के पोस्टर जलाकर विरोध किया गया। साथ ही फिल्म को बैन कराने के लिए एसडीएम जेएस संधू को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं डीडवाना में भी फिल्म निर्माताओं के खिलाफ रोष देखने को मिला। लोगों ने फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले विरोध कर रहे संगठनों के पदाधिकारियों को मंगलवार देर रात विद्याधर नगर स्थित सिनेमाघर में फिल्म का स्पेशल शो दिखाया गया। फिल्म देखने के बाद राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील, श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह व राजस्थान युवा जाट महासभा के कुलदीप चौधरी ने विरोध जारी रखने की बात कही है। सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूर्व में लोगों की भावना और आस्था को प्रभावित करने वाली 15 फिल्में बैन हुई हैं। ऐसे में पानीपत को भी बैन किया जाए।
फिल्म के इस दृश्य को लेकर विवाद
फिल्म में महाराजा सूरजमल को मराठा पेशवा सदाशिव राव से संवाद के दौरान इमाद को दिल्ली का वजीर बनाने व आगरा का किला उन्हें सौंपे जाने की मांग करते दिखाया गया है। इस पर पेशवा सदाशिव आपत्ति जताते हैं। सूरजमल भी अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ युद्ध में साथ देने से इनकार कर देते हैं। सूरजमल काे हरियाणवी व राजस्थानी भाषा के टच में भी दिखाया है।