फतेहपुर जिले में इससे पहले भी कई थाना क्षेत्रों में फर्जी खुलासे हुए हैं जिनमें हुसेनगंज अव्वल रहा है मगर सिर्फ जांच की बात कहकर आला अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं जबकि फर्जी खुलासे की वजह से असली मुजरिम हमेशा बच जाता है और गलत उसका शिकार हो जाता है।
बता दें कि बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के कुंवरपुर रोड में लगभग 1 हफ्ते पूर्व एक निरीक्षक के घर चोरी हुई थी जिसके खुलासे को लेकर बिंदकी पुलिस पर भारी दबाव था। दबाव के चलते पुलिस ने एक युवक को तीन हजार की बरामदगी दिखाकर इंस्पेक्टर के घर हुई बड़ी चोरी का खुलासा कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर राधेश्याम राव इस समय जीआरपी लखनऊ में निरीक्षक के पद पर तैनात हैं वह जौनपुर जिले के रहने वाले हैं उन्होंने फतेहपुर जनपद में तैनाती के दौरान बिंदकी कस्बे में अपना घर बनवाया था। लगभग एक हफ्ते पूर्व सूना घर होने पर चोरों ने ताला तोड़कर पांच हजार नकदी समेत लगभग 5 से 6 लाख के जेवरात पार कर दिए थे। जिस पर निरीक्षक राव ने बिंदकी कोतवाली में अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद बिंदकी पुलिस खुलासे में लगी थी। 9 दिसंबर को कस्बा इंचार्ज संतोष यादव ने चोरी का खुलासा करते हुए तीन हजार बरामदगी दिखाकर अभियुक्त विजय कुमार पुत्र स्व. श्रीपाल निवासी लंका रोड केवटरा थाना बिंदकी को जेल भेज दिया है। जिसके बाद से खुलासे पर तरह-तरह के प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं। सबसे पहली बात बड़ी चोरी में सिर्फ तीन हजार की बरामदगी किसी को पच नहीं रही। दूसरी बात पुलिस के अनुसार जब विजय स्वीकार कर रहा है कि वह चोरों का सहयोगी था तो अन्य चोर कहां हैं बिंदकी पुलिस का कहना है वह चोरों के नाम नहीं बता पा रहा है। तीसरी बात वैसे तो पुलिस अक्सर प्रेस कॉन्फ्रेंस करती रहती है इस बार क्या हुआ जो निरीक्षक के घर हुई चर्चित चोरी का खुलासा चुपचाप निपटा दिया गया। इस तरह के कई प्रश्न मामले के फर्जी खुलासे पर मोहर लगाने का काम करते हैं। वहीं इस बाबत चोरी की घटना से पीड़ित निरीक्षक राधेश्याम राव ने बताया कि तीन हजार की नगदी दिखाकर खुलासा करना समझ से परे है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर खुलासा सही है तो मेरी जेवरात का एक भी जेवर ला कर दिखाया होता तो बात समझ मे आती। उन्होंने कहा कि इंस्पेक्टर होने के बावजूद मेरे घर आज तक तहकीकात करने बिंदकी कोतवाल नहीं गए जबकि मैंने व्यक्तिगत उनसे कई बार कहा। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जब पुलिस विभाग को ही अपने ही विभाग के व्यक्ति के साथ सहानुभूति नहीं है तो इससे अधिक कहने को कुछ नहीं है। उधर इस बाबत बिंदकी सीओ अभिषेक तिवारी ने कहा कि वह वीआईपी ड्यूटी पर बाहर थे पूरे मामले की जानकारी करेंगे अगर फर्जी खुलासा हुआ है तो जांच होगी। वहीं इस बाबत कस्बा इंचार्ज संतोष यादव ने कहा कि आरोपी विजय स्वयं घटना में शामिल होने की बात बता रहा था तभी जेल भेजा गया है मगर जेवरात की बरामदगी और खुलासे पर किए गए प्रश्नों पर वह लड़खड़ाते नजर आए जिससे खुलासे पर प्रश्नचिन्ह उठना लाजमी है। वहीं एक यह भी बड़ा प्रश्न है कि जब विभाग के ही एक इंस्पेक्टर के घर हुई चोरी का खुलासा फर्जी हो जाएगा तो आम आदमी पुलिस के खुलासों पर कैसे यकीन करेगा।☀