नई दिल्ली, क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट टी20 में दर्शकों का खूब मनोरंजन होता है। टी20 को फटाफट क्रिकेट कहा जाता है, मतलब क्रिकेट का वो फॉर्मेट जहां सबकुछ जल्दी-जल्दी होता है। टी20 खेल भले ही महज 20 ओवर का होता है लेकिन यहां रन वनडे से कहीं ज्यादा रफ्तार से बनाए जाते हैं।
टी20 क्रिकेट में बल्लेबाजों की आतिशी पारियां देखने को मिलती है। मैदान पर चौकों- छक्कों की बरसात होती है और ऐसे में किसी के भी मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि ऐसा कैसे होता है। क्या टी20 क्रिकेट में बाउंड्री की लंबाई वनडे की तुलना में कम होती है। क्या छोटी होती है इस फॉर्मेट में बाउंड्री।
क्या छोटी होती है टी20 क्रिकेट में बाउंड्री
टी20 फॉर्मेट की सबसे पॉपुलर लीग भारत में खेली जाती है। इंडियन प्रीमियर लीग में मैदान 150 यार्ड यानी 137.16 मीटर की होती है। बाउंड्री की बात करें तो दोनों तरफ की बाउंड्री की लंबाई 65 यार्ड यानी 59.43 मीटर की होती है। वहीं दोनों तरफ सामने की तरफ बाउंड्री की लंबाई 70 यार्ड यानी 64 मीटर की होती है। बाउंड्री की लंबाई सेंटर पिच से नापी जाती है और यह अधिकतम 85 यार्ड यानी 77.71 मीटर की हो सकती है।
क्या है BCCI की भूमिका
किसी भी मैच का आयोजन कराने के लिए मैदान की लंबाई चौड़ाई और सबसे ज्यादा अहम बाउंड्री को ध्यान में रखना जरूरी होता है। आईपीएल के मैच को कराने के लिए किसी भी टीम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा बनाए नियमों का पालन करना होता है। मैदान की लंबाई चौड़ाई और बाउंड्री को नियम के मुताबिक होने पर ही BCCI उसको मेजबानी का जिम्मा सौंपने का फैसला करती है।
बाउंड्री और दर्शकों के बीच होती है कितनी दूरी
मैदान पर बाउंड्री के निशान को आम तौर पर रस्सी या उसी तरह के किसी और चीज द्वारा बनाया जाता है। बाउंड्री के किनारे लगे विज्ञापन के बोर्ड और बाउंड्री के बीच कम से कम तीन यार्ड यानी 2.74 मीटर की दूरी होती है। दर्शकों से बाउंड्री की दूरी कम से कम 5 मीटर की रहती है।