फतेहपुर : गड्ढे में तब्दील बांदा-टांडा मार्ग के शहरी बाईपास में बुधवार को फिर जाम लग गया। तड़के तीन बजे से लगा जाम सुबह ग्यारह बजे के बाद बहाल हो पाया। नौ घंटे के जाम से दस किमी तक वाहनों का काफिला लगा रहा जिसमें बीस से अधिक स्कूल बसें व वैन फंसी रही। पीसीएफ गोदाम के पास गड्ढे में ट्रैक्टर-ट्राली पलट जाने से दोनों तरफ को वाहनों का चक्का जाम हो गया। जर्जर मार्ग में आए दिन लगने वाले जाम से शहरियों में भारी रोष है। स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यो ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर मांग किया है कि शहरी बाईपास से दिन में भारी वाहनों की इंट्री पर रोक लगाई जाए।
जीटी रोड से राधानगर चौराहे तक के बाईपास में जिला जेल, नई तहसील, पीसीएफ गोदाम, सीपीएस गेट, पीएसी गेट, पेट्रोल पंप के पास तालाब की शक्ल में गड्ढे हो गए है। मौरंग व गिट्टी भरे वाहनों की दिन रात आवाजाही से यह मार्ग आम यात्रियों के लिए जोखिम भरा हो गया है। इस मार्ग में शहर के प्रमुख स्कूलों में महर्षि विद्या मंदिर, सरस्वती बाल मंदिर, सीपीएस, सेंटजांस, सेंट जेवियर्स आदि स्कूल पड़ते है। स्कूल के वाहन व बड़े बच्चे साइकिल व स्कूटी से इसी मार्ग से होकर विद्यालय जाते है। सुबह बच्चों को लेकर स्कूल वाहन निकले तो पचास नंबर रेलवे ओवरब्रिज के पास जाम में यह वाहन फंस गए। चार घंटे तक जाम में फंसे स्कूली बच्चे परेशान होते रहे। स्कूल के प्रबंधक व प्रधानाचार्य जाम हटवाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के पास फोन करते रहे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बच्चों के स्कूल न पहुंच पाने की सूचना पर अभिभावक भी परेशान रहे।
आठ बजे मंगवाई क्रेन
– तड़के तीन बजे से लगे जाम की सुधि प्रशासन को सुबह आठ बजे आई। नऊवाबाग से शाह ग्राम तक जाम लगा होने से रोडवेज बसों समेत हल्के चार पहिया वाहन भी फंसे रहे। आठ बजे क्रेन के माध्यम से गड्ढे में पलटे ट्रैक्टर ट्राली को हटाया गया तब जाकर यातायात बहाल हो पाया। बताते है कि नई तहसील व रेलवे पुल के पहले एक ट्रक का पहिया धंस जाने से ट्रैक्टर ट्राली हटाने के बाद भी पुल के इस पार का जाम नहीं हट पाया।
आंदोलन की बना रहे रणनीति
बांदा-टांडा मार्ग का कोराई बाईपास न चालू होने से शहरियों में भारी रोष है। शहर के अंदर से भारी वाहन निकलने से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। दो माह पहले राधानगर पुलिया के पास एक छात्रा की मौत ट्रक से कुचल कर हो गई थी, उस समय शहरियों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन आश्वासन पर मान गए। इसके बाद भी प्रशासन न तो शहर के बाहर का बाईपास चालू करा पाया और न ही दिन में भारी वाहनों की नो इंट्री लागू किया। स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।