फतेहपुर: यमुना के अढ़ावल खंड-2 पर चार जनवरी 2019 को पांच साल का खनन अधिकार हासिल करने वाली बामदेव ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड की खादान को प्रशासन ने बुधवार को सीज कर दिया है। पर्यावरण एनओसी रद होने की जानकारी मिलने पर राजस्व, पुलिस, खनिज व एआरटीओ की संयुक्त टीम ने छापामारी करते हुए यहां खनन बंद कराया और दस ओवरलोडेड वाहनों का चालान किया।
नायब तहसीलदार सदर संतराज सिंह व नायब तहसीलदार विकास पांडेय के नेतृत्व में पहुंची संयुक्त टीम ने मौरंग खंड के मुख्य मार्गों को जेसीबी से मिट्टी डालकर अवरुद्ध कर दिया। खनिज अफसरों को निर्देश दिया कि किसी भी दशा में उक्त खंड से मौरंग नहीं निकलनी चाहिए। बता दें कि उक्त संस्था को अलग-अलग 15 गाटों के करीब 23.75 हेक्टेयर पर खनन का अधिकार मिला था। जिसमें वह प्रतिवर्ष 4.75 लाख घनमीटर खनन कर सकते थे। संस्था को प्रत्येक तीन माह में करीब पौने दो करोड़ की किस्त भी जमा करनी थी। उक्त संस्था ने पर्यावरण एनओसी के लिए एनजीटी में दौड़ लगा रही थी लेकिन जल जीवों और प्राकृतिक नुकसान को देखते हुए एनजीटी ने उक्त संस्था की पर्यावरण अनुमति को निरस्त करते हुए सूचना जिला प्रशासन को भेज दी। बुधवार को डीएम संजीव सिंह के निर्देश पर उपरोक्त टीम ने थानाध्यक्ष केशव वर्मा के साथ उक्त कार्रवाई की।
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विवादित हो गई थी खदान
– खदान से बिना रवन्ना के ओवरलोडेड वाहन निकालने पर खदान शुरू से ही विवादों के घेरे में आ गई थी। तौल मशीन लगी होने के बाद भी दूसरे रास्ते से बिना रवन्ना के ट्रकों की निकासी की जाती थी। ओवरलोडेड वाहन निकलने से गांव जाने की ध्वस्त हुई रोड को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था। खदान में दो बार छापामारी कर तीस से अधिक ओवरलोडेड ट्रक पकड़े गए हैं।