नई दिल्ली, मेड इन चाइना के सस्ते खिलौनों ने स्थानीय बाजारों पर कब्जा कर लिया है। क्या आप जानते हैं कि इन खिलौनों से बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है? चीनी खिलौनों से स्वास्थ्य के खतरे का सवाल एक हालिया अध्ययन के बाद खड़ा हो गया है। इस अध्ययन के अनुसार मेड इन चाइना के खिलौनों को बनाने के लिए खतरनाक धातुओं समेत कई घातक चीजों का इस्तेमाल होता है।
केंद्र सरकार और भारतीय उद्योग द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) ने यह अध्ययन किया है। इसमें पाया गया कि चीन द्वारा निर्मित अधिकांश खिलौने भारतीय सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे और ये खिलौने बच्चों की सेहत के लिए खराब बताए गए हैं।
खिलौनों की होगी जांच
रिपोर्ट के आधार पर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने अधिसूचना जारी करके कस्टम विभाग को सतर्क कर दिया है। अब इन खिलौनों को बिक्री के लिए भारतीय बाजारों में प्रवेश की अनुमति देने से पहले, प्रत्येक कंटेनर से नमूने का जांच होगा।
सात प्रकार के खिलौनों की जांच
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव रवि पी. सिंह ने कहा कि जांच में सभी सात तरह के खिलौने भारतीय सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे। ये सभी खिलौने चीनी मूल के थे। हालांकि, सभी आयातों पर प्रतिबंध लगाना समाधान नहीं है। हमें एक ऐसा वातावरण बनाने की जरूरत है, जहां आयातित वस्तुएं गुणवत्ता में बेहतर हों और उपभोक्ता की मांगों को पूरा कर सकें और किसी बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न डालें।
67 प्रतिशत चीनी खिलौने सुरक्षा परीक्षण में फेल
इसके अलावा, अध्ययन से पता चला है कि चीनी खिलौनों में से लगभग 67 प्रतिशत डीजीएफटी अधिसूचना और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा आईएस मानकों के सुरक्षा परीक्षणों में फेल रहे। सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है।
पहले भी सुरक्षा परीक्षण में फेल रहे ‘मेड इन चाइना’ के खिलौने
केंद्र, भारत में आयात किए जा रहे कई अन्य उत्पादों की स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर गुणवत्ता की जांच के लिए वर्तमान में किए जा रहे उपायों पर गौर कर रहा है। यह पहला ऐसा अवसर नहीं है जब ‘मेड इन चाइना’ के खिलौने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इससे पहले साल 2009 में कुछ समय के लिए इनके आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था।