गुवाहाटी. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ 11 और 12 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शनों के कई दिनों बाद असम में जिंदगी पटरी पर लौट रही है। यहां स्कूल-कॉलेज, दफ्तर और दुकानें खुल चुके हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में सरकारी और निजी बसें दौड़ रही हैं। गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश के बाद मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी भी फिर से शुरू कर दी गई है। हालांकि, घबराहट का माहौल अभी भी है। लोगों की नजरें सुप्रीम कोर्ट में 22 जनवरी को सीएए की संवैधानिक वैधता पर होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई हैं। फिलहाल शहर में जगह-जगह दीवारों पर “नो सीएए” के नारे लिखे दिखाई दे रहे हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी हो रहे हैं। सुरक्षाकर्मी भी हर जगह तैनात हैं। इस माहौल में लोगों को 80 के दशक का वो दौर भी याद आ रहा है, जब यहां अवैध प्रवासियों के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था। 6 साल तक चले इस आंदोलन में 800 लोगों की मौत हुई थी।