जनरल बिपिन रावत बने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जानें क्‍या होंगी शक्तियां

नई दिल्ली,  देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर जनरल बिपिन रावत के नाम पर मुहर लग गई है। सोमवार को सरकार ने इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को यह पद सृजित करने का एलान किया था और 24 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। सीडीएस की भूमिका तीनों सेनाओं और सरकार के बीच समन्वयक की रहेगी। कारगिल युद्ध के बाद से ही इस तरह के पद की मांग उठ रही थी। उस समय रिपोर्टों में यह सामने आया था कि सेनाओं के बीच समन्वय की कमी के कारण युद्ध में ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था।

अधिकतम उम्र सीमा को बढ़ाया गया

पद सृजित किए जाने के बाद से ही जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस बनाए जाने की चर्चा थी। रविवार को सरकार ने सीडीएस के लिए अधिकतम उम्र सीमा को बढ़ाकर 62 से 65 साल कर दिया था। इसे भी इस पद पर जनरल रावत की नियुक्ति से जोड़कर देखा जा रहा था। जनरल रावत सेना प्रमुख के पद से मंगलवार को रिटायर होने जा रहे हैं। 16 मार्च, 1958 को जन्मे जनरल रावत मार्च, 2020 में 62 साल के हो जाएंगे।

ट्विटर पर शुभकामनाओं की बाढ़

सीडीएस पद पर जनरल रावत की नियुक्ति की खबर आते ही ट्विटर पर शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ‘जनरल बिपिन रावत को देश का पहला सीडीएस बनने पर बधाई। सशस्त्र बलों से संबंधित सभी मसलों के प्रधान सैन्य सलाहकार के नए मिशन के लिए मेरी शुभकामनाएं।’ भाजपा नेता बैजयंत जय पांडा ने भी उन्हें बधाई दी। कई ट्विटर यूजर्स ने भी उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं।

इसलिए पड़ी जरूरत

युद्ध की स्थिति में तीनों सेनाओं के बीच समन्वय सबसे बड़ी चुनौती रहती है। युद्ध के बदलते हालात में देश की सुरक्षा को देखते हुए इस समन्वय की जरूरत और भी बढ़ गई है। सीडीएस की नियुक्ति से इसमें मदद मिलेगी। तीनों सेनाओं को समान गति से बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

यह है प्रस्ताव

सीडीएस की भूमिका रक्षा व इससे जुड़े मामलों में प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के एकीकृत सलाहकार की होगी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय में ‘डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स’ के नाम से नया विभाग गठित होगा और सीडीएस इसके सचिव होंगे। यह विभाग केवल सैन्य क्षेत्र से जुड़े मामले देखेगा। सीडीएस का उद्देश्य सेनाओं को ट्रेनिंग, स्टाफ व अन्य अभियानों के लिए एकीकृत करना होगा। सरकार को बेहतर सैन्य सुझाव भी मिल सकेंगे।

भूमिका और जिम्मेदारी

सीडीएस की नियुक्ति के बाद भी तीनों सेना प्रमुख विशेष मामलों को लेकर रक्षा मंत्री को सलाह देते रहेंगे। सीडीएस को किसी कमांड के लिए कोई भूमिका नहीं निभानी होगी। सीडीएस रक्षा संपदा परिषद और रक्षा प्लानिंग कमेटी के सदस्य होंगे। वह ऑपरेशन, ट्रेनिंग, कम्युनिकेशन और मेंटिनेंस जैसी अन्य बातों के लिए तीनों सेनाओं के एकीकरण पर काम करेंगे।

एनसीए का भी सैन्य सलाहकार होगा सीडीएस

सीडीएस परमाणु कमांड अथॉरिटी (एनसीए) का भी सैन्य सलाहकार होगा। साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित तीनों सेनाओं की एजेंसियां, संगठन और कमान भी उसके अधीन काम करेंगे।

 

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