प्रयागराज, उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) पीसीएस परीक्षा में आवेदन करने वालों की आयुसीमा में बदलाव करने पर मंथन कर रहा है। तैयारी है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा की तरह पीसीएस परीक्षा के लिए आवेदन करने वालों की अधिकतम आयु सीमा घटाई जाए। अभ्यर्थियों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा है। ऐसे अभ्यर्थी आयोग का घेराव करके अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे। इसकी शुरुआत सोमवार से होगी। 6 जनवरी को सैकड़ों अभ्यर्थी आयोग पर एकत्र होकर विरोध का स्वर बुलंद करेंगे। इसके बाद 9 जनवरी को महा आंदोलन किया जाएगा। इसमें अभ्यर्थियों के कई गुट एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे।
पीसीएस की परीक्षा में बदलाव की खिलाफत करने वाले छात्र लामबंदी तेज कर रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया में मुहिम चलाई जा रही है। वाट्सएप व फेसबुक के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करके आयोग के खिलाफ विरोध का स्वर मुखर किया जा रहा है। इसके मद्देनजर प्रदेशभर से प्रतियोगी छात्रों को प्रयागराज आने का आह्वान किया जा रहा है।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में आयुसीमा में कटौती न की जाए। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में 18 गुना अभ्यर्थी उत्तीर्ण कराए जाएं। प्रादेशिक परीक्षा होने के नाते प्रदेश विशेष के प्रश्नों को उचित स्थान मिले। किसी परिवर्तन की पूर्व सूचना कम से कम तीन साल पहले दी जाय। पीसीएस में सोशल वर्क व डिफेंस विषयों को शामिल किया जाय।
रक्षा मंत्री से मिला आश्वासन
पीसीएस 2018 में अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। अभ्यर्थियों ने अचानक पैटर्न बदलने से होने वाली दिक्कत का हवाला देते हुए अतिरिक्त अवसर दिलाने की मांग की। नेतृत्व कर रहे सिद्धार्थ मिश्र ने बताया कि आयुसीमा के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके अभ्यर्थियों को अच्छी तैयारी के लिए अतिरिक्त अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता करके उचित कदम उठवाने का आश्वासन दिया है। प्रतिनिधिमंडल में मृत्युंजय सिंह, इंद्रशेखर सिंह, हरिनाम सिंह शामिल रहे।