लखनऊ, मकर संक्रांति का पर्व परंपरागत रूप से पूूूूर्र प्रदेश में श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया जा रहा है। भगवान सूर्य देव की उपासना और सरोवरों में स्नान तक दानपुण्य करने के महापर्व मकर संक्रांति के चलते बुधवार को लखनऊ मेें श्रद्धालुओं ने गोमती के कुडिय़ा घाट पर स्नान किया।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। राज्यपाल ने शुभकामना की है कि यह पर्व सभी के जीवन में खुशियों का संचार करे। देश व प्रदेश विकास की राह में आगे बढ़ता रहे।
सीएम योगी ने बाबा गोरखनाथ को लगाया खिचड़ी का भोग
गोरखपुर : गोरखनाथ मंदिर में बुधवार सुबह 3:30 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीनाथ जी की विशिष्ट पूजा-आरती की और महारोट के प्रसाद से बाबा गोरखनाथ को भोग लगाया। उसके बाद उन्होंने देश की सुख सुख-समृद्धि की कामना के साथ मंदिर की ओर से बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई। इसी क्रम में परंपरागत रूप से नेपाल राजपरिवार की ओर से नेपाल राष्ट्र के कल्याण और मंगल कामना के साथ श्रीनाथजी को खिचड़ी अर्पित की गई।
चार बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही गुरु गोरक्षनाथ और हर-महादेव के जय घोष के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसर में उमड़ पड़ा। ठंड और कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं के गोरखनाथ मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्दिर के स्वयंसेवक और पुलिस-प्रशासन के लोग जगह-जगह पर तैनात हैं। उधर मंगलवार की रात से ही खिचड़ी मेले की छटा देखने लायक है। मेला परिसर देखकर श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। झूले लगातार चल रहे हैं और स्टालों पर भीड़ उमड़ पड़ी है।
प्रयागराज का माघ मेला
प्रयागराज : मकर संक्रांति पर कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी पड़ी। संगम किनारे देर रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। भोर में साधु और संतों ने सबसे पहले स्नान किया। भोर होते-होते संगम के किनारे स्नान की लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सर्दी और हल्की धुंध के बावजूद लाखों लोग स्नान करने पहुंंचे।
लखनऊ में कुडिय़ा घाट पर स्नान कर किया दान पुण्य
स्नान केसमय श्रद्धालुओं ने ‘माधौ नारायण अच्युतं केशवं’ का जप किया। स्नान के बाद ब्राह्मण को खिचड़ी, काले तिल, अग्नि के लिए लकड़ी, ऊनी कपड़े, कंबल, मिष्ठान, गुड़, आंवला, घी और मौसमी फल दान किया। अग्रसेन घाट, झूलेलाल घाट व लल्लू मल घाट पर भी स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। कुडिय़ा घाट पर स्नान करने आए लोगो ने काले तिल-गंगाजल और नदी में स्नान करते समय काले तिलों व कुश के साथ स्नान किया।
परंपरा की खिचड़ी में श्रद्धा का तड़का
आदि काल से चली आ रही मकर संक्रांति के दिन स्नान की खिचड़ी दान करने और लोगों को प्रसाद वितरण की परंपरा बुधवार को एक बार फिर जीवंत हुई। एक ओर जहां परंपरा की खिचड़ी पक रही थी तो दूसरी ओर श्रद्धा के तड़के से उड़ी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही थी।
राज्यपाल और सीएम ने दिया बधाई संदेश
मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि देश के विभिन्न भागों में मकर संक्रांति का विशिष्ट पर्व विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। यह हमारे देश की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं। उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है।
वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संदेश में कहा है कि इस दिन तीर्थो और पवित्र नदियों में स्नान का बेहद महत्व है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी शुभकामनाएं दी हैं।
कल से शुरू होंगे शुभ कार्य
आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि मंगलवार को रात्रि 2:22 बजे सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर गए। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से पाप का नाश होता है। लकड़ी, तिल, अन्न, दाल, चावल, पापड़, गुड़, घी नमक और कंबल का दान करने से विशेष पुण्य मिलता है। राशि के अनुसार दान से विशेष पुण्य मिलेगा। इसी के साथ ही एक महीने से खरमास के चलते शादी विवाह जैसे शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे। 16 से सहालग शुरू हो जाएगी।
कौआ खाता है पकवान
पर्वतीय समाज के लोग संक्रांति के दिन कौवे ‘घुघुतिया’ बनाकर खिलाते हैं। पर्वतीय महापरिषद के महासचिव गणेश चंद्र जोशी ने बताया कि आटे में में चीनी या गुड़ मिलाकर देशी घी से ‘घुघुतिया’ बनाई जाती है। कौवे को खिलाने के साथ सूर्य देव से समृद्धि दीर्घायु की कामना की जाती है। पारंपरिक परिधानों में ही पूजन किया जाता है। महिलाएं मिलकी पकवान बनाती हैं। मान्यता है कि देव दूत के रूप में कौवा हमारी रक्षा का संदेश भगवान को पहुंचाता है। इसी मंशा के चलते पूजन होता है।
संक्रांति पर सजा दरबार
सजे दीवान हाल में मंगलवार के संक्रांति पर्व मनाया गया। फूलों से सजे दीवाल हाल में सिख समाज के लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब के आगे मत्था टेका। गुरुद्वारा नाका ङ्क्षहडोला में शबद के बीच लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा की ओर से संगतों का सम्मान किया गया। गुरुद्वारा यहियागंज में फूलों की बारिश के बीच विशेष प्रकाश हुआ। गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड पर भी विशेष दीवान सजाया गया। गुरुद्वारे के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा ने बताया कि महिला संगतों ने विशेष सत्संग किया। उनको सम्मानित भी किया गया। संगतों के लिए अटूट लंगर लगाया गया। गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी की ओर से विशेष समागम के साथ संक्रांति के बारे में विस्तार से बताया गया।