आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देशों का हो कूटनीतिक बहिष्कार

नई दिल्ली,  देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों को कूटनीतिक तौर पर अलग- थलग किया जाना चाहिए। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा ब्लैकलिस्ट करना इसका एक समाधान है।

उन्होंने कहा कि जो देश आतंकवाद को प्रायोजित कर रहे हैं, वे आतंकी नेटवर्क के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का हिस्सा नहीं हो सकते। आपके ऐसे साथी नहीं हो सकते, जो आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध में भाग ले रहे हैं और आतंकवाद को प्रायोजित कर रहे हैं। सीडीएस रावत ने यह बात वैश्विक कूटनीति पर आयोजित कार्यक्रम रायसीना डायलॉग-2020 में बगैर नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कही।

आतंकवाद के अंत के लिए हमें इसके जड़ पर करारा प्रहार करना होगा

इससे पहले जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर हमें लगता है कि आतंक के खिलाफ लड़ाई का अंत होने वाला है, तो हम गलत हैं। जबतक आतंकवाद को प्रायोजित करने या बढ़ावा देने वाले देश हैं, तबतक हमें इस भय के साथ जीना होगा। आतंकवाद के अंत के लिए हमें इसके जड़ पर करारा प्रहार करना होगा।

आंतकवाद का अंत अमेरिका की तरह अभियान चलाकर होगा

जनरल रावत ने यह भी कहा कि अमेरिका ने जिस तरह 9/11 के बाद आंतकवाद के खिलाफ अभियान चलाया, केवल इसी तरह से अभी से आतंकवाद का अंत हो सकता है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध शुरू की। ऐसा करने के लिए आपको आतंकवादियों को अलग-थलग करना होगा। जो भी आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है उसके खिलाफ खड़ा होना होगा।

कट्टरपंथीकरण पर सीडीएस जनरल रावत

कट्टरपंथीकरण पर सीडीएस जनरल रावत ने कहा कि अगर सही व्यक्तियों को निशाना बनाया जाता है, तो इसपर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके लिए कट्टरता की विचारधारा को जोड़ने की आवश्यकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह तालिबान के साथ बातचीत का समर्थन करते हैं, उन्होंने कहा कि शांति वार्ता हर किसी के साथ शुरू की जानी चाहिए, बशर्ते वे आतंकवाद का हथियार छोड़ दें।

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