लखनऊ। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बुधवार को गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट रमेश सिंह उर्फ रमेश कन्याल को लेकर यूपी एसटीएफ गुरुवार को लखनऊ पहुंची। रमेश पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का आरोप है।
राजधानी लखनऊ में मीडिया को जानकारी देते हुए एडीजी एलओ आनंद कुमार ने बताया कि एक साल पहले गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट आफताब से रमेश की जानकारी मिली थी। तब से लगातार रमेश सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था। रमेश ने बड़ी संख्या में गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को उपलब्ध कराई हैं।रमेश सेना के एक भारतीय राजनयिक के हेल्पर (कुक) की हैसियत से पाकिस्तान में दो वर्ष तक भारतीय दूतावास में रह चुका है। वहीं पर वह खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आया और फिर आईएसआई के लिए काम करने लगा।उधर, उत्तराखंड में एडीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि रमेश का एक भाई भारतीय सेना में भी है। कुछ साल पहले उसने भारतीय सेना में तैनात एक ब्रिगेडियर के घर कुक के रूप में नौकरी लगवाई थी।
कुछ समय बाद ब्रिगेडियर की पोस्टिंग पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास में हो गई। रमेश घर में काम काज में अच्छा था इस लिए ब्रिगेडियर उसे भी साथ ले गया। यहीं वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आ गया और मोटी रकम के बदले सूचनाएं दुश्मनों को देने लगा।सूत्रों की मानें तो कुछ ही दिन पहले भारत लौटने के बाद रमेश आईएसआई के लिए काम करने लगा। इस संबंध में जानकारी होने पर आर्मी इंटेलीजेंस ने यूपी एटीएस से संपर्क किया। यूपी एटीएस ने 20 मई को एफआईआर दर्ज की और बुधवार रात पिथौरागढ़ से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। रमेश सिंह के पकड़े जाने के बाद से पिथौरागढ़ जिले से लगती तिब्बत और नेपाल की सीमा पर चैकसी बढ़ा दी गई है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 7वीं वाहिनी के कमांडेंट महेंद्र प्रताप का कहना है कि तिब्बत सीमा से लगे इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पोस्टों पर चेकिंग तेज कर दी गई है। इसी तरह सशस्त्र सीमा बल ने नेपाल सीमा से लगे पैदल पुल सहित कई सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा बढ़ा दी है।