– नही सुनते कोई अधिकारी व जनप्रतिनिधि
विष्णु सिकरवार/न्यूज वाणी ब्यूरो
आगरा। इरादतनगर क्षेत्र के लोग तीन दशक से रोडवेज बस सेवा से वंचित हैं। रोडवेज बसों का संचालन बंद होने के बाद से ग्रामीण डग्गेमार वाहनों में सफर करने को मजबूर हैं। यह डग्गेमार वाहन ग्राहकों से मनमाना किराया वसूलते हैं।
इरादत नगर क्षेत्र से करीब 100 गांव जुड़े हुए हैं। इन गांवों में रहने वाले ग्रामीण किसान इन सरकारी बसों के संचालन न होने के कारण इन डग्गामार वाहनों पर आश्रित है। रोजाना नौकरी पर जाने वाले ग्रामीणों, व्यापारियों व स्कूल के लिए जाने वाले छात्र छात्राओं को इन डग्गेमार वाहनों का सहारा लेना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि आज से तीन दशक पहले आगरा बुद्ध बिहार वाया देवरी रोड होते हुए इरादतनगर के लिए रोडवेज बसों का संचालन होता था। लेकिन ताज सरंक्षण में आने के बाद बसों का संचालन बुद्ध बिहार से बंद कर दिया गया। शहर से बाहर मधु नगर से संचालन शुरू कर दिया गया। जब से रोडवेज बसों का संचालन बंद हो गया। जब से इस रोड पर डग्गेमार वाहन चालको ने अपना कब्जा कर लिया। जब से कई बार रोडवेज बसों का संचालन शुरू हुआ। उस प्रयास में रोडवेज बसों का संचालन एक-दो दिन के बाद ही विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से संचालन बंद कर दिया गया। ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर इन डग्गेमार वाहनों से सफर करने को मजबूर है। यह डग्गेमार वाहन ग्राहकों से मनमाना किराया वसूलते हैं। न देने पर अभद्रता करने से भी नहीं चूकते हैं। सांसद चैधरी बाबूलाल द्वारा पुसेता गांव को गोद लिए जाने के बाद रोडवेज बसों का संचालन शुरू हुआ बस देर रात को आती और सुबह लोगों के जगने से पहले चली जाती। कुछ समय के बाद वह बस सेवा बंद हो गई। ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से कस्बा इरादत नगर में बस स्टैंड व रोडवेज बसों के नियमित संचालन की मांग की है।