गरीबों को इंसाफ दिलाने को फैसल लाला ने दाख़िल की हाईकोर्ट में पीआईएल

आज दिनांक 22 जनवरी 2020 को फैसल खान लाला ने बताया कि हमने गरीबों को इंसाफ दिलाने के लिए अपने अधिवक्ता एचण्एन सिंह और सुरेश मौर्य के माध्यम से आज़म खान और उनके जौहर ट्रस्ट के खिलाफ सीबीआई जांच को उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में पीआईएल दाख़िल की थी माननीय चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और माननीय न्यायाधीश सुमित गोपाल की बेंच ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है साथ ही 29 जनवरी 2020 सुनवाई के लिए मुकर्रर की है। फैसल लाला ने बताया कि आज़म खान ने अपनी पत्नी तंज़ीम फ़ात्मा को राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा दिलाकर सरकार से समझौता कर लिया है इसलिए वह सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दे पर भी चुप हैं तो सरकार भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर रही हैए उनके खिलाफ 80 से ज़्यादा मुकदमें दर्ज हैंए अदालत ने अनेकों मामलों में गिरफ्तारी वारंट और कुर्की के आदेश दे रखे हैं फिर भी सरकार न तो उनको गिरफ्तार कर रही है और न ही उनके कब्ज़े से यतीमोंए किसानों और वक्फ़ की संपत्तियों को वापस दिला पा रही है जबकि सीएए का विरोध करने वालों को झूठे मुकदमों में जेल में डाला जा रहा है और आज़म खान पर सरकार कोई कार्रवाई नही कर रही है इसी को लेकर हमने गरीबों को इंसाफ दिलाने को हाईकोर्ट में पीआईएल दाख़िल की है जिसमें हमने माननीय उच्च न्यायालय से गुज़ारिश की है कि आज़म और जौहर ट्रस्ट के पूरे मामले को सीबीआई के हैंडओवर किया जाए क्योंकि मुसलमानों के नाम पर बना जौहर ट्रस्ट एक धोखा और फ़र्ज़ीवाड़ा हैए जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए ऐसा ट्रस्ट बनाया गया है जिसमें सिर्फ़ आज़म खान के परिवार के लोग ही शामिल हैं जिसको आज़म खान ने शिक्षा के नाम से जोड़कर हज़ारों करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया हैए यहां यह कहना भी ज़रूरी है कि जौहर यूनिवर्सिटी एक शिक्षा संस्थान हैं इसको दृष्टिगत रखते हुए सरकार या न्यायालय यह व्यवस्था दे कि शिक्षा संस्थान की अस्मिता पर कोई आंच न आए। पिछली सपा सरकार ने बड़े पैमाने पर इस घोटाले में आज़म की मदद की थी और रामपुर में कमज़ोर मुसलमानों पर न सिर्फ़ ज़ुल्म किया था बल्कि उनको उजाड़ कर उनकी ज़मीनों पर आज़म खान को कब्ज़ा दिलाया था। यतीमए किसान और सैकड़ो कमज़ोर मुसलमान परिवार आज तक अधिकारियों से इंसाफ़ की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई उनकी मदद नही कर रहा है इसलिए अब गरीबों को सिर्फ़ अदालत पर ही भरोसा है कि आज़म के ख़िलाफ़ सीबीआई जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी भी होगा साथ ही आज़म के कब्ज़े से गरीबों की ज़मीनें भी वापस होंगीं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.