नूरपुर। इन बेसहारा गायों का रक्षक ना हिंदू समाज ना प्रशासन जागो शहर के गौरक्षकों भूख से तड़प कर मर रही है बेचारी इन गायो इन बेसहारा गायों का रक्षक ना हिंदू समाज ना प्रशासन गो माता की जय बोलने वाले गोरक्षकों जागो गौ माता सड़क पर तड़प तड़प कर दम तोड़ रही है गौशाला वाले और किसान गौ माता को सड़कों पर छोड़ रहे हैं यही बेसेहारा गाय सड़कों पर मरने के लिए मजबूर है पूरा गोरक्षक समाज सोया पड़ा है गोरक्षक समाज उन गायों की संभाल करता है जो गाय दूध देती है और गौशाला की आमदन में बढ़ोतरी करती है आवारा घूम रही गायों के रहने के लिए कोई शहर में स्थान नहीं है जो शहर में भूख से तड़प.तड़प कर मर रही है और कुछ गाय वाहनों से टकराकर तड़प कर मर रही हैं शहर के मछली बाजार इलाके में गाय आवारा सड़कों पर चर रही है जिसको गो रक्षा समिति देखते रहते हैं यह इस बात का सबूत दे रही है कि यह बेसहारा गाय भूख से तड़प तड़प कर सड़कों पर मर रही है और कई गाय बीमार होकर तड़प कर मर रही है जिसका कोई भी गौ रक्षक इलाज कराने को तैयार नहीं है गोरक्षा के पास बड़े.बड़े फण्ड पड़े ओर गोशालाएँ हैं इन फण्डों ओर गोशालाओं का क्या लाभ जो गौ रक्षा के लिए काम ना आ सके शहर में बताया जा रहा है कि जो गाय गौशालाओं में दूध नहीं देती और दघारु नही रहती हे उन गायों की सेवा करने के बजाए यह सड़कों पर छोड़ देते हैं इन्हें सड़कों पर भूख से तड़प तड़प कर मरने को मजबूर कर देते हैं हिंदू लोग गाय को माता कहते है तो गाय कूड़े के ढेर पर क्या कर रही है और सड़क पर क्यों धक्के खा रही है क्या शहर के गौ रक्षक प्रशासन से मिलकर मीटिंग कर उसे संभाल नहीं सकते यह गंभीर विषय है इन बेसहारा गायों का सहारा ना तो हिंदू समाज है और ना ही प्रशासन