ऑकलैंड, भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपनी विपक्षी टीम के कप्तान केन विलियमसन का समर्थन करते हुए कहा है कि जब टीम संघर्ष करेगी तो सवाल खड़ें होंगे, लेकिन लीडरशिप यानी नेतृत्व हमेशा परिणामों से नहीं आंका जा सकता। दरअसल, कीवी टीम के तीनों फॉर्मेट के कप्तान केन विलियमसन की लीडरशिप स्किल उस समय सवालों के घेरे में आ गई थी जब बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को हार का सामना करना पड़ा।
न्यूजीलैंड टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन मैकुलम ने भी सवाल उठाया था कि उनकी कुछ रणनीति काम नहीं कर रही। न्यूजीलैंड को उस सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। मैकुलम ने कहा था कि विलियमसन का धीरे-धीरे कप्तानी की भूमिका प्यार खत्म हो रहा है और वह कम से कम टी 20 प्रारूप में कप्तानी छोड़ सकते हैं। यहां तक कि खुद कप्तान विलियमसन भी चाहते हैं कि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड नया कप्तान खोज सकता है, जिसके लिए वे तैयार हैं।
कप्तानी को दोष देना गलत- कोहली
उधर, 5 मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले की पूर्व संध्या पर कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि जब टीम को असफलता हाथ लगती है तो लोग कप्तान को दोष देने लगते हैं। कप्तान कोहली ने कहा, ” जब भी आपको झटका लगता है तो इस तरह की बातें पहले भी होती थीं, अब भी होती हैं। मेरा मानना है कि तीनों फॉर्मेट की कप्तानी करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। एक चीज जो मैंने की है कि मैं सिर्फ उस चीज पर फोकस करता हूं कि मैं टीम को आगे ले जाने के लिए क्या कर सकता हूं।
विराट कोहली ने आगे कहा, “मैं नहीं मानता कि लीडरशिप को हमेशा परिणामों से आंका जा सकता है। यह उस बारे में है कि आप टीम को एकसाथ कैसे आगे ले जाते हैं। आपकी टीम के खिलाड़ी किस तरह से काम कर रहे हैं और मेरा मानना है कि केन विलियमसन ने ये बखूबी निभाया है। वह अपनी टीम के खिलाड़ियों का सम्मान करता हैं। इसके साथ-साथ वह बहुत अच्छे क्रिकेटर हैं। अगर कोई एक टीम को हरा देती है तो तो आपको एक सामूहिक विफलता को स्वीकार करना चाहिए, इसमें कप्तानी का दोष नहीं है, जैसा कि मैं मानता हूं।”