वाराणसी । जल्द ही आपकी थाली में लाल, काले, पीले, नारंगी ही नहीं बहुरंगी गाजर दिखेंगे। इन गाजरों के विभिन्न रंगों के जूस, हलवा, सब्जी का भी आप स्वाद ले सकेंगे। यह गाजर आकर्षक तो होंगे ही, औषधीय गुणों से भी संपन्न होंगे। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आइआइवीआर) ने आठ साल की मेहनत के बाद लाल, काले, पीले, नारंगी व बहुरंगी गाजर की प्रजाति विकसित की है। काला गाजर अप्रैल से ही बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। वहीं पीला, नारंगी व बहुरंगी गाजर दो-तीन साल में व्यावसायिक उपयोग में आ सकेंगे। सभी प्रजातियों का देश के कई हिस्सों में ट्रायल हो चुका है।
जैव रसायन प्रचुर, फायदे भरपूर
सभी प्रजाति के गाजर में खनिज तत्व पोटैशियम, कैल्शियम, सल्फर, लौह, मैगनीज एवं खाद्य रेशा प्रचुर मात्रा में है। लाइकोपिन, बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन व एंथोसायनिनि जैसे जैव रसायन के कारण एंटी-ऑक्सीडेंट व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। यह त्वचा को कोमल, आकर्षक बनाने में भी सहयोगी है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के साथ रतौंधी, हृदय रोग, धूप से होने वाली त्वचा की समस्या से बचाएगा। खाद्य-रेशे कब्ज के साथ ही कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करेंगे और हड्डियों, मांसपेशियों को मजबूत बनाएंगे।
लाल गाजर सब्जी, सूप, जूस, हलवा और आचार, काला गाजर से जूस, ड्रिंक व हलवा, नारंगी गाजर सलाद व कैंडी तथा पीला गाजर सूप बनाने के लिए उपयुक्त है। किसानों की आय बढ़ाने में ये सहायक होंगे। – डा. जगदीश सिंह, निदेशक, आइआइवीआर।
‘गाजर के विभिन्न रंग उभारने में आठ साल का समय लगा। सभी रंगों का अपना महत्व है। गाजर की फसल खेत के अलावा किचन गार्डेन में भी लगाया जा सकेगा।’ -डा. बीके सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आइआइवीआर।
गाजर में मात्रा
6.0-8.5 मिग्रा प्रति 100 ग्राम लाइकोपिन की मात्रा लाल गाजर में
4.5-6.5 मिग्रा प्रति 100 ग्राम बीटा कैरोटीन की मात्रा नारंगी गाजर में
250-300 मिग्रा प्रति 100 ग्राम एंथोसायनिन की मात्रा काले गाजर में
0.4-0.6 मिग्रा प्रति 100 ग्राम ल्यूटिन की मात्रा पीला गाजर
बहुरंगी गाजर
रसायन मात्रा
एंथोसानिन 15-20 मिग्रा
बीट-कैरोटीन 2-4 मिग्रा
लाइकोपिन 4-6 मिग्रा
ल्यूटिन 0.2-0.4 मिग्रा
नामकरण : लाल गाजर का नाम काशी अरुण, काला गाजर का काशी कृष्णा रखा है। हालांकि नारंगी गाजर को 91-2, पीला गाजर को 153 व बहुरंगी गाजर को 107-1 नंबर से ही जाना जा रहा है।