वैज्ञानिकों ने 222 करोड़ साल पुराने क्रेटर का लगाया पता

टोक्यो,  ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी क्षेत्र में उल्कापिंड के गिरने से बने एक क्रेटर की निर्माण अवधि के रहस्य से वैज्ञानिकों ने पर्दा उठाया है। एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लगभग 222 करोड़ साल पहले इस क्रेटर का निर्माण हुआ। अध्ययन में बताया गया है कि याराबुबा क्रेटर 222 करोड़ साल पुराना है। इसका मतलब है कि यह पृथ्वी पर किसी भी ज्ञात साइट से 200 करोड़ साल पुराना है।

यह रहस्योद्घाटन इस बात की संभावना बढ़ता है कि इसके कारण पृथ्वी की जलवायु पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ा होगा और ‘डीप फ्रीज’ की अवधि भी समाप्त हुई होगी। वैज्ञानिक इस बात को लेकर तो आश्वस्त थे कि याराबुबा का निर्माण करोड़ों साल पहले हुआ होगा पर इसके बारे में सटीक जानकारी अब तक नहीं थी क्योंकि इनके निर्माण की अवधि का पता लगाना आसान नहीं है। नेचर कम्युनिकेशन नामक जर्नल में शोधकर्ताओं ने लिखा है कि क्योंकि ऐसी साइटों का ठीक से रखरखाव नहीं हो पाता और भूकंपीय घटनाओं और अपरदन के कारण इनका भूगर्भीय अतीत दफन हो जाता है।

इसके निर्माण की सटीक अवधि का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने साइट पर खनिजों में ‘शॉक रीक्रिस्टलाइजेशन’ के सुबूत खोजे और उनका विश्लेषण किया। इसमें उल्कापिंड जिक्रोन और मोनाजाइट जैसी सामग्रियों की संरचना को बदल देता है।

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