– जेब गर्म करने की प्रथा पर लगानी चाहिए लगाम
– पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों के इंजन हुए फेल, बांदा मार्ग आज भी खेल रहा है मौत का खेल
न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के दावे लगातार सरकार बनाने के बाद से ही हवा हवाई नजर आ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ चुनावी मेले में लगातार प्रदेश को स्वस्थ एवं शुद्ध बनाने के लिए वादे जनता से गला फाड़ फाड़ कर चिल्लाते नजर आए थे किंतु आज जब कर्म भूमि पर काम करने की बात आई तो दबाव के वश में आकर झूठे वादे तो पहुंचा दिए और उनके योजना लागू का डाली कर डाली और कहा कि योजना का अनुपालन नियमानुसार किया जाएगा। योजना के लागू होने के बाद से लगातार योजना पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। योगी सरकार की योजना और इस ओर ध्यान न देने की वजह से हजारों लोगों के संक्रमण होने की आशंका बढ़ती जा रही है। जनपद तहसील बांदा टाटा मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 239 बांदा के रायबरेली जनपद द्वारा जोड़ता है। इस मार्ग से भारी वाहनों का अनुपालन शहर के भीतर से होने के कारण योगी सरकार की योजना गडर के आजकल गड्ढा युक्त नजर आ रही है एवं लगातार धारी वाहनों के आवागमन से जुड़ती धूल ने शहरवासियों का जीना मुहाल कर के रखा हुआ है। जिसे प्रशासन देख कर भी अनदेखा करके रखा हुआ है। जिससे प्रशासन देख कर भी अनदेखा कर रहा है।
आपको ज्ञात होगा कि और इस समस्या को लेकर नो एंट्री का उपयोग किया गया था। जिसका समय सुबह 6 से रात्रि 9 तक निर्धारित किया गया था। इस नियम को तेज तर्रार एवं तत्कालीन पुलिस कप्तान कलानिधि नैथानी के कार्यकाल में लागू किया गया था। उसके तबादले के बाद जेबे गर्म करने के रिवाज ने एक बार फिर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है। बताते चले कि शहर से होकर गुजरने वाले इस राजमार्ग के दोनों छोरों से शहर की दो चैकिया भी मौजूद है। जिसमें आए दिन यह देखा एवं पाया गया है कि उनकी जेबें गर्म कर रही यह चैकियां ओवल रोड ट्रकों को सुविधा शुल्क लेकर छोड़ती रही है। शहर की सड़कों की हालत गड्ढा युक्त बनती जा रही है या बड़े-बड़े गड्ढे जानलेवा भी हैं लगभग 2 से 3 फीट की है। इन सब में मुख्य बात यह है कि इन सड़कों पर भारी वाहनों के आवागमन से उड़ने वाली धूल किसी पढ़ने वाली धूल से कम नहीं है जो कि स्थाई निवासियों के लिए हानिकारक है। इस टोल से आए दिन लोगों बीमारी की चपेट में आकर घर बजाय अस्पतालों में नजर आ रहे हैं। वहीं प्रशासन अपनी आंख कान और मुंह बंद कर तमाशा देख रहा है।