– जनप्रतिनिधियों की खामोसी से पुलिस का बढ़ रहा मनोबल
न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। देश की विकास दर लगातार घटने से जहां आर्थिक तानाबाना छिन्न-भिन्न होता जा रहा है। इसके अलावा केन्द्र व प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते बेरोजगारी दर भी बढ़ती जा रही है। बेरोजगार होने के साथ-साथ व्यापार भी प्रभावित होने के कारण जरूरत मंद लोगों ने अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए ई रिक्शा को माध्यम बनाया था। लेकिन योगी सरकार में जिले की पुलिस आये दिन रोजी-रोटी कमाकर परिवार का भरण पोषण करने वालों का चालान करके उन्हे आर्थिक रूप से पंगु बनाने का काम कर रही है। जबकि जिले को छोडकर बडे-बडे महानगरों में भी इस तरह की चेकिंग शून्य है।
बताते चले कि प्रदेश के महानगरों में भी सिविल पुलिस व यातायात पुलिस द्वारा दो पहिया व ई रिक्शा के लिए चेकिंग अभियान नही चलाया जाता है। लेकिन जिले की शहर व ग्रामीण क्षेत्रों की पुलिस द्वारा आये दिन चेकिंग अभियान लगाकर दो पहिया वाहनों के साथ-साथ ई रिक्शा चालकों के साथ अन्याय कर रही है। प्रतिदिन चेकिंग लगाकर सौ से दो सौ वाहनों को सीज कर देती है। इन वाहनों में ऐसे भी वाहन शामिल होते हैं जिनके कागजात भी पूरे रहते हैं। इसके बावजूद पुलिस अपनी मनमानी पर उतारू है और वह बिना कागजात देखे ई रिक्शा को सीज कर रही है। बुधवार को भी प्रातः सुबह आठ बजे से शहर की सभी पुलिस चैकियांे पर चेकिंग अभियान शुरू कर दिया गया। इस अभियान लगभग लगभग एक सैकड़ा वाहनों को सीज करने की कार्यवाही कर दी गयी है। अभी पिछले दिनों कई सैकडा ई रिक्शा का चालान पुलिस द्वारा कर दिया गया था। विरोध होने पर रूट भी निर्धारित कर दिये गये थे। लेकिन इसके बावजूद यातायात व सिविल पुलिस द्वारा रोजी-रोटी चलाने वाले ई रिक्शा चालकों का चालान लगातार किया जा रहा है। ई रिक्शा चालकों ने बताया कि वह बेहद गरीब हैं और योगी मोदी सरकार में तमाम व्यापार बंद हो जाने के बाद अब रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करना चाहते हैं लेकिन आए दिन चालान किये जाने से उनकी आर्थिक स्थिति दिनो दिन पहले से और बदतर होती जा रही है।
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