हरनवा-बेसड़ी मार्ग हुआ बद से बदतर

न्यूज वाणी ब्यूरो
असोथर/फतेहपुर। विकास खण्ड अधिकारी की अनदेखी के चलते आज वर्षों से हरनवा मार्ग बेसडी का बद से बदतर हो गया है। जिसे कोई जिम्मेदार व्यक्ति अधिकारी कर्मचारी देखने वाला नहीं है। मौके पर जाँचटीम के द्वारा देखा भी जा सकता है कि आज भी क्षतिग्रस्त मार्ग और पुलिया का बुरा हाल हो गया है। जरा सा मौसम का मिजाज बिगड़ने पर मार्ग निकलने के लायक भी नहीं रहते। इन मार्गों पर चलने के लिए लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पडता है। इन्हीं मार्गों से पुलिस से बचने के लिए मोरंग से लदे ओवरलोड ट्रेक्टर भी निकते हैं। जिससे मार्ग और भी ध्वस्त हो जाता है। आखिर ग्रामीणों की परेशानी का कारण बना ये मार्ग जो दलदल मे परिवर्तित हो गया है। टूटी पुलिया जो अपने जिन्दा होने की वर्षों से राह देख रही है कि कब मे (पुलिया) राहगीरों को आवागमन में सुख पहुंचा पाऊँगी। विकास खंड अधिकारी प्रवीणानन्द के रहते ये हरनवा से बुधरामऊ दलदल व जलमग्न मार्ग मुश्किल सा हो गया है। जब अधिकारी की नजर मे अधीनस्थ बिगडे मार्गों की जानकारी उपलब्ध नहीं कराते तो इन मार्गों का उद्धार करना बडा असम्भव सा प्रतीत होने लगा है। अपनी जेब भरने के चक्कर में बजट आता है फिर भी विकास सिफर पर ही रह जाता है। आखिर ग्रामीण कहाँ जाये किससे कहें कितनी बार कहें? विचित्र विचारधारा के चलते सरकार, कर्मचारी, अधिकारी के बीच लम्बी खींचतान के चलते आज गावों का विकास, धन कमाने का जरिया बन गया है। इसलिए ग्रामीणों का मानना है कि सरकार शहर ही नहीं बल्कि गाँव के विकास के लिए भी कडे नियम निर्देशों के साथ सडकों एवं सम्पर्क मार्गों का दुरुस्तीकरण, नव निर्माण आदि के कार्य साहसिक कदम के रूप से उठाये जायेंगे।

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