ऑटोमेटिक रेनीगेज सिस्टम पर खर्च होने के बाद हो गया कबाड़

न्यूज वाणी ब्यूरो
शाहजहाँपुर। प्रदेश और केन्द्र सरकार द्वारा, लाखो करोड़ो खर्च कर लगाया गया बारिश पैमाना, ऑटोमेटिक रेनीगेज सिस्टम, प्रशासन की बड़ी लापरवाही का शिकार हो कर कबाड़ में बदलता जा रहा है। सरकार के लाखो करोड़ो की परियोजना तैयार करने में जहाँ महीनो और वर्षो लगते हैं तो वहीं स्थानीय स्तर पर प्रशासन की लापरवाही का शिकार होकर चन्द माह में वे कबाड़ में बदल जाती हैं।
जिले की सबसे बड़ी तहसील तिलहर मुख्यालय प्रांगण में लगभग पांच वर्ष पूर्व, भारत सरकार के मैट्रो लोजिकल विभाग द्वारा लाखो रूपया खर्च कर बारिश नापने के लिए ऑटोमेटिक रेनीगेज सिस्टम के रूप में परियोजना को कई माह में तैयार किया गया। प्रारंभ के दिनो में भले ही उसकी देख रेख के चलते एकआध बार मीट्रीघन बारिश बताई जाती रही हो परन्तु उसके बाद से उस पूरे सिस्टम को कबाड़ होते देखा जा रहा है। हैरत की बात तब होती है जब हर तीसरे माह जिलाधिकारियों की अध्यक्षता मे, लगने वाला तहसील दिवस भी ठीक इस परियोजना सिस्टम से चन्द कदमो की दूरी पर ही अपराहन्त दो बजे तक चलता है लेकिन किसी भी अधिकारी की इस कबाड़ होते सिस्टम पर नजर नही पहुंचती। सूत्रो की माने तो उक्त सिस्टम परियोजना वर्तमान में एक अदद एन्टिना मात्र से जरूर पहजान में आती है लेकिन इसका जाल और गेट ही पूरी तरह टूट कर कबाड़ नही हो चुके हैं बल्कि पूरे सिस्टम की वायरिंग भी टूट कर गायब हो रही है। वहीं इसके बारे में जानकारी लेने पर तहसील स्तर के अधिकतर अधिकारी और कर्मचारी अपना पल्ला झाड़ते नजर आते हैं।

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