कानपुर । हादसे ने दुनिया ही उजाड़ दी। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दोनों सहारे चले गए। कारोबारी जितेंद्र, उनकी पत्नी दिव्या, एयरफोर्स से सेवानिवृत्त बुजुर्ग दादा कमलेश मसंद व दादी पूनम, जवान बेटों के शव देख फफकते रहे, लेकिन इस गमगीन माहौल में भी उन्होंने बेटों के नेत्रदान करने का फैसला लिया तो सभी हैरान रह गए। लोगों की आंखों में आंसू थे, फिर भी दूसरों की सेवा करने के उनके जज्बे को वह सलाम करते रहे।
हमेशा दूसरों की मदद में लगे रहते हैं कारोबारी जितेंद्र
अशोकनगर निवासी फास्टफूड कारोबारी जितेंद्र मसंद हमेशा दूसरों की मदद करते रहते हैं। शुक्रवार देर रात बिठूर हादसे में दोनों बेटों देवेश व क्षितिज की मौत की सूचना आई तो किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था। पुलिस ने मौके पर बुलाया और स्वजनों ने बेटों के शव देखे तो कोहराम मच गया। इसके बाद भी कारोबारी ने दोनों बेटों की आंखें दान करने का फैसला लिया। सुबह डॉक्टरों की टीम मच्र्युरी पहुंची तो पता चला कि छोटे बेटे क्षितिज की आंखें क्षतिग्र्रस्त हो गई थीं। मेडिकल टीम ने बड़े बेटे देवेश की कॉर्निया लीं। रिश्तेदारों ने बताया कि जितेंद्र का पूरा परिवार ही देश सेवा के लिए समर्पित है। एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद उनके पिता कमलेश ने भी विभाग से मिला पूरा पैसा दान कर दिया था।
छोटे भाई के कहने पर गया था देवेश
स्वजन ने बताया कि शुक्रवार रात कार्यक्रम में देवेश ने जाने से मना कर दिया था, लेकिन छोटे भाई के कहने पर वह राजी हुआ और खुद कार चलाकर ले गया था। देवेश बीबीए करने के बाद पिता के कारोबार में भी हाथ बंटाता था।
दो दिन पहले थी माता-पिता की मैरिज एनिवर्सरी
दो दिन पूर्व 29 जनवरी को ही परिवार ने जितेंद्र व दिव्या की शादी की सालगिरह मनाई थी। पूरा परिवार बेहद खुश था। अब सभी देवेश के लिए रिश्ता देख रहे थे। अचानक इस हादसे ने सबकुछ छीन लिया।
आ रहे हैं कहकर गए थे, आई मौत की सूचना
मम्मी-पापा को कार्यक्रम में छोडऩे के बाद अभी आ रहे हैं, कहकर देवेश मसंद, छोटे भाई क्षितिज मसंद के साथ कार से निकल गया था। क्या पता था कि फिर दोनों लौटकर नहीं आएंगे। देर रात पुलिस ने उनकी मौत की सूचना दी तो लोग घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने बंधाया ढांढस
शनिवार को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार व पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार ने पोस्टमार्टम हाउस और फिर अशोकनगर स्थित घर पहुंचकर पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाया। जिसने भी हादसे के बारे में सुना, उसकी आंखें नम हो गई।
यह हुई थी घटना
जितेंद्र मसंद का 24 वर्षीय बड़ा बेटा देवेश पिता संग कारोबार संभालता था और 18 वर्षीय छोटा बेटा क्षितिज 12वीं का छात्र था। शुक्रवार रात जितेंद्र की पत्नी दिव्या की चचेरी बहन के बेटे का जनेऊ बिठूर के गंगा वैली में था। मम्मी-पापा को फार्म हाउस पर छोडऩे के बाद दोनों भाई घूमने फिरने की बात कहकर निकले थे और देर रात सवा 12 बजे रमेल नगर में डंपर ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में दोनों भाइयों की मौत हो गई।