क्रोध समाप्त करने से ही जीवन का हो सकता उद्धार- ब्रह्म कुमार

– पांच दिवसीय तनाव मुक्त एवं मेडिटेशन अनुभूति शिविर का तीसरा दिन
न्यूज वाणी ब्यूरो
बिंदकी/फतेहपुर। क्रोध या गुस्सा कम करके या पूरी तरह से समाप्त करके ही जीवन का उद्धार किया जा सकता है। यह बात नगर के रामलीला मैदान के निकट स्थित मूला देवी पार्क में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में चल रहे पांच दिवसीय तनाव मुक्त एवं मेडिटेशन अनुज शिविर के तीसरे दिन मुंबई से आए ब्रह्म कुमार प्रोफेसर गिरीश भाई ने कही।
उन्होंने कहा कि क्रोध या गुस्सा ही मनुष्य के विकास को रोकता है इसलिए निश्चित रूप से अपने जीवन को सफल बनाने जीवन में विकास करने को लेकर क्रोध व गुस्सा को पूरी तरह से कम कर दें और अच्छा होगा कि पूरी तरह से समाप्त कर दें आपके चेहरे अभाव से ही दिखाई दे कि आपका मन शांत है किसी भी परिस्थितियों में चेहरे में गुस्सा या क्रोध का भाव दिखाई देना नहीं चाहिए उन्होंने कहा कि जीवन में दुखों का कारण व्यक्ति स्वयं होता है उन्होंने कई उदाहरण देते हुए मौजूद लोगों को समझाया कि बच्चों का पालन पोषण बचपन से ही अच्छे ढंग से करना चाहिए उनको अच्छे संस्कार देना चाहिए कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे बच्चे को गलत संस्कार मिल सके। कार्यक्रम के शुभारंभ में दीप प्रज्वलन किया गया छोटी सी बच्ची ने सुंदर प्रस्तुति कर मुख्य अतिथि का स्वागत भी किया इस मौके पर समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रामेश्वर दयाल दयालु के अलावा ब्रह्माकुमारी बहन सीता दिव्या मिथिला स्वाति प्रियंका के अलावा आशा ओमर संध्या देवी माया ओमर रानी ओमर अंजू ओमर सीतादेवी राधा वर्मा सहित तमाम लोग मौजूद रहे। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में बिंदकी कस्बे के दयानंद इंटर कॉलेज में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुंबई से आए ब्रह्माकुमार प्रोफेसर गिरीश भाई ने छात्रों से कहा कि जिस प्रकार आप लोग क्रिकेट मैच देखने में पूरी तरह से एकाग्र रहते हैं ना खाने की चिंता होती ना पीने की चिंता कोई आवाज भी दे रहा है तो सुनाई नहीं देता है इसका मतलब है क्रिकेट मैच के प्रति आपको रुचि है यही रूचि यही एकाग्रता निश्चित रूप से पढ़ाई में लगाएंगे तो आपका जीवन का भला होगा अच्छे अंक प्राप्त होंगे बड़े अधिकारी बनेंगे उन्होंने छात्रों को सलाह दिया कि मन को एकाग्र करें और एकादश भाव से ही कॉलेज और घर में अध्ययन कार्य करें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी इस मौके पर दयानंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ओमप्रकाश बाजपेई सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे।

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