दिनेश तिवारी/न्यूज वाणी ब्यूरो
शुकुल बाजार/अमेठी। प्राथमिक शिक्षा में सुधार लाने के लिए सबसे पहले अध्यापकों व बच्चों में सोच परिवर्तन करने की जरूरत है। इसके लिए अध्यापक, अभिभावक एवं छात्र के बीच आपसी समन्वय सामंजस्य व आत्मविश्वास में वृद्धि करनी होगी। तभी हम गुणवत्तापरक व आत्मविश्वास परक शिक्षा देकर प्रगति के मार्ग को आगे ले जा सकते हैं। यह उद्गार राम कुमार स्मारक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रांगण में निष्ठा प्रशिक्षण के तृतीय सत्र के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ राम कल्प तिवारी पूर्व प्राचार्य केसीआरसी. इण्टर मीडिएट कॉलेज ने अपने उद्बोधन के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों का आवाहन करते हुए कहा कि सबसे पहले स्वयं में समयबद्धता, कर्मठता व एकाग्रता की साधना करनी होगी अध्यापक के लिए सबसे पहला कार्य समय पालन है। उसके उपरांत कर्मठता और ईमानदारी के साथ विद्यालय में आने वाले छात्र छात्राओं को उनकी अभिरूचि के अनुसार ज्ञानवर्धक शिक्षा प्रदान करना है। तभी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। निष्ठा प्रशिक्षण के तृतीय सत्र के शुभारंभ के अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश मिश्र ने बताया कि यह निष्ठा प्रशिक्षण मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम है। इस प्रशिक्षण के द्वारा पूरे भारत के 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। जिससे बच्चों के शैक्षिक स्तर गुणवत्ता में वृद्धि हो सके। इस अवसर पर पत्रकार मनोज कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रशिक्षण से शिक्षकों व छात्रों में आत्मविश्वास की वृद्धि के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इस अवसर पर शिवकुश पांन्डेय, सतीश चंद्र शुक्ल, जमील अहमद, राहुल पाण्डेय, विक्रमादित्य तिवारी, अनूप तिवारी, राम मिलन, संदीप यादव सहित समस्त प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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