– गांव के किनारे व खेतों में झुंड बनाकर रहते हैं मवेशी, फसलों को बचाने के लिए लगाएं तार
न्यूज वाणी ब्यूरो/नैज घोसी
जाफरगंज/फतेहपुर। छुट्टा मवेशियों के लिए गौशाला बनने के बाद भी किसानों की समस्याएं कम नहीं हो रही है। झुंड बनकर घुमंतू मवेशी गांव के किनारे व खेतों में डेरा बनाए हुए हैं। यह मवेशी फसलों के नुकसान के साथ-साथ लोगों के लिए भी खतरा बन गए हैं। खेतों से हटाने में यह मवेशी ग्रामीणों को भी खदेड़ लेते हैं। खेतों में खड़ी फसल बचाने के लिए लोग तार व बांस लगाए हुए हैं।
प्रदेश सरकार छुट्टा मवेशियों से किसानों की फसलें बचाने के लिए गौशालाएं बनवा दि है। लेकिन फिर भी इनकी संख्या कम नहीं हो रही है। छुट्टा मवेशियों का झुंड दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हर झुंड में कई ऐसे मवेशी हो गए हैं जिससे लोगों को जान का खतरा हो गया है। खेतों में चरता हुआ देख कर भी किसान इनको हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। कई लोगों के इकट्ठा होने के बाद ही छुट्टा मवेशियों को हटाते हैं। अमौली ब्लाक के गांव खजुरिहा, पनेरुवा, कीरतपुर, कापिल चटिहा, नरैनी पिपरहापुर व बसफरा में सबसे अधिक संख्या में छुट्टा मवेशी झुंड बनकर घूम रहे हैं। बसफरा गांव के किसान राजू यादव बताते हैं कि अन्ना मवेशियों के आतंक से किसान परेशान हैं। और बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। सैकड़ों बीघे बोई फसल मवेशी नष्ट कर रहे हैं। छोटे किसानों के सामने पूरे वर्ष तक घर चलाने का संकट हो गया है। क्षेत्र में अन्ना मवेशियों ने जीना हराम कर रखा है। अधिकारियों की सुस्ती के कारण मवेशी गौशाला पर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। किसान धर्मेंद्र यादव का बताते हैं कि अन्ना मवेशियों से खेतों में तार लगाने के बावजूद भी नुकसान नहीं बच पा रहा है। फसलों की रखवाली करने के लिए खेतों में दिन रात रहना पड़ता है। इस सबके बावजूद पलक झपकते ही झुंड हमला कर फसल को साफ कर जाते हैं। शासन स्तर से कई बार अभियान चलाए जाने की खबरें छप चुकी हैं। लेकिन यह अभियान खबरों तक ही सीमित होकर रह गया। किसान जुग्न कुशवाहा ने बताया कि गांव में 50-50 मवेशियों का झुंड बनाकर घूम रहे हैं। गेहूं, लाही, चना, आलू की फसलों में दिन रात रखवाली करने के बावजूद पलक झपकते ही छुट्टा मवेशी फसलों को नष्ट कर रहे हैं अधिकारियों के लापरवाही के कारण इन्हें नहीं पकड़ा जा रहा है। राधेश्याम सविता ने बताया कि घुमंतू मवेशियों से फसल बचाने के लिए खेतों में कटीले तार लगाया गया है। लेकिन इस सबके बावजूद फसलें नहीं बच पा रही हैं। कटीले तारों के रगड़ से कई मवेशी घायल हो जाते हैं। ग्रामीणों ने छुट्टा मवेशियों से निजात पाने के लिए शासन प्रशासन से गुहार लगाई है।