नाक बंद कर बाल महिला चिकित्सालय में इलाज कराने जाती गर्भवती महिलाएं

रोहित दीक्षित/न्यूज वाणी ब्यूरो
लखनऊ/मोहनलालगंज। गली और मोहल्लों में स्वच्छता के गीत गाए जा रहे हैं स्वच्छ अभियान के नारे भी गूंज रहे हैं इन गीतों व का खोखलापन मोहनलालगंज बाल महिला चिकित्सालय में उजागर हो रहा है। मोहनलालगंज में चिकित्सालय हो या महिला बाल चिकित्सालय शौचालय व मूत्र के बदतर हाल सेहत सुधारने के लिए वहां भर्ती होने वाले रोगी के साथ स्वस्थ परिजन को भी बीमार बना सकते हैं।
मोहनलालगंज में बाल महिला चिकित्सालय के टॉयलेट के हाल देख लगता नहीं की स्वच्छता अभियान जैसा भी कुछ चल रहा है यहां निरीक्षण के लिए स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ उप सीएमओ एवं प्रशासनिक अधिकारी भी आते रहते हैं लेकिन इनका हाल देख लगता है कि कभी निरीक्षण में स्वच्छता को प्राथमिकता नहीं मिलती है। महिला एवं बाल चिकित्सालय में महिलाओं के लिए शौचालय गंदे पड़े हुए हैं। जिसमें गर्भवती महिलाओं को नाक बंद करके शौचालय में जाना पड़ता है। शौचालय के बगल में बना डॉक्टर का कक्ष रूम डॉक्टर भी वहां पर बैठने में घबराते हैं। जगह-जगह फैली गंदगी महिला एवं बाल चिकित्सालय के बाहर भी गंदगी फैली हुई है। अस्पताल परिसर में भी कई जगह दीवारों पर मसालों के पीक से सनी हुई है। दीवार बाहर भी जगह-जगह गंदगी फैली हुई है। सफाई के अभाव में बदबू इतनी उठती है कि अस्पतालों के मूत्रालय में खड़े होने के लिए भी नाक दबाने की नौबत आ जाती है इस विषय पर मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अधीक्षका डॉक्टर जोति कामले ने बताया है कि जल्द से जल्द अस्पताल में सफाई करवाई जाएगी। इतना कहकर डॉक्टर ने अपना पल्ला झाड़ लिया प्रश्न यह उठता है प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा चलाई जा रही स्वच्छता अभियान योजना फेल होती नजर आ रही है इन लापरवाह अधिकारी और कर्मचारियों के बर्ताव से।

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