इण्टरलाकिंग का कार्य हो अथवा नाली निर्माण कार्य दोनो दे रहे अतिक्रमणकारियों को राहत

– बिना किसी नाप व पैमाने के हो रहे कार्यो से फुटपाथ पर काबिज अतिक्रमणारियो की बल्ले बल्ले
न्यूज वाणी ब्यूरो
मौदहा/हमीरपुर। कस्बे मे पालिका द्वारा बिछवाया जा रहा इण्टरलाकिंग कार्य हो अथवा पीडब्लयूडी विभाग द्वारा बनवाई जा रही नाली दोनो ही कार्यो मे विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों को विशेष राहत देते हुये कस्बे को स्थाई तौर पर अतिक्रमणयुक्त किया जा रहा है। जिससे अतिक्रमण की बीमारी से जूझ रहा कस्बा महामारी की ओर बढ रहा है। जो चिन्ता के साथ जांच का भी विषय है।
बताते चले कि बीते कई वर्षो से कस्बे को अतिक्रमणमुक्त करने का अभियान स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन भी चला रहा है किन्तु नतीजा वही ’’ढाक के तीन पात’’ से कम नही। कस्बाईयो को अतिक्रमण से निजात दिलाने के लिये भी व्यापारियों संग तमाम बैठको का दौर होता रहता है किन्तु परिणाम भी शून्य से भी नीचे जा रहा है। अभी हाल ही मे विधायक आवास के सामने हटाये गये अतिक्रमण मे जिस तरह की प्रशासनिक इच्छाशक्ति दिखी वह शायद ही कस्बे के मुख्य मार्ग को अतिक्रमण से निजात दिलाने के लिये प्रशासन ने दिखाई हो। हां , बीते लगभग 5 वर्ष पहले ऐसी इच्छाशक्ति अवश्य दिखी थी व तत्कालीन उपजिलाधिकारी प्रवीणा अग्रवाल द्वारा निष्पक्ष और ईमानदारी से अतिक्रमण अभियान कस्बे के बडे चैराहे से चलाया गया था जो आधा किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ही सत्ता तक पहुंच वालो की पहुच के चलते बंश नाले के आगे नही पहुंच सका और धडाम हो गया। ज्ञात हो कि नोटो के दम पर अतिक्रमण कर तनवाई गयी ऊंची ऊची बिल्डिगो के बाद पालिका प्रशासन से अतिक्रमणकारियों के लिये नाली की हद र्निधारित कर रखी है। किन्तु दबंग अतिक्रमणकारियों ने नालियो को ही आग खिसकाकर आवासो व प्रतिष्ठानो के सामने चबूतरा व टीनशेड आदि लगाकर रोड की सकरा कर दिया है। वहीं वर्तमान मे पालिका प्रशासन से बिछवाई जा रही इण्टरलाकिंग व पीडब्लयूडी विभाग से बनाई जा रही नाली खास तौर पर पक्के और बडे अतिक्रमणकारियों को राहत देते हुये कस्बे को स्थाईतौर पर अतिक्रमण की महामारी मे ढकेल रही है। मनचाही तौर पर दुकानदार इण्टरलाकिंग व नाली र्निमाण को अपने प्रतिष्ठानो से काफी दूर ढकेल रहे है। जिनमे अभी ताजा खुदाई बंश नाले के आगे एचडीएफसी बैंक के आस भी चल रही है। वहीं ब्लाक से तहसील के आस पास भी अतिक्रमणकारियों को राहत देते हुये इण्टरलाकिंग की चैडाई कम रखी गयी है। जबकि पालिका के कई ठेकेदार ऐसे भी है जिन्होंने पालिका प्रशासन को लिखित तौर पर अवगत कराते हुये बताया कि अतिक्रमण के चलते उन्हे कार्य कराने मे परेशानियो का सामना करना पड रहा है। जिसके चलते कार्य से पहले कस्बे के फुटपाथ अतिक्रमणकारियों से खाली कराये जाये। वहीं कस्बे के बुद्विजीवियो ने भी प्रशासनिक आलाओहदेदारो से मांग की है कि इण्टालाकिंग का कार्य हो अथवा नाली र्निमाण का कार्य दोनो के लिये रोड मुख्य मार्ग के सेन्टर से एक नाप निश्चित कराकर ही कार्य कराया जाये ताकि कस्बे के स्थाई तौर पर अतिक्रमण से निजात मिल सके। वहीं उक्त मामले मे अधिशाषी अधिकारी राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि मानक तय कर नाली र्निमाण का कार्य पीडब्लयूडी विभाग को कराना है जितनी नाप पर विभाग द्वारा नाली र्निमाण का कार्य कराया जायेगा उसी के बाद से पालिका द्वारा इण्टर लाकिंग बिछवाई जा सकती है हालाकि इण्टलाकिंग की चैडाई कम से कम तीन मीटर तक रखी गयी है। जबकि उक्त मामले मे पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई द्वारा बताया गया कि उनके विभाग ने पहले ही जिले के आलाधिकारियो को लिखित प्रार्थना पत्र देते हुये मार्ग के दोनो ओर फैले अतिक्रमण को हटवाने का निवेदन किया गया है किन्तु सकारात्मक कार्यवाही न होने के चलते ठेकेदार रोड की ओर ही नाली बनाने को मजबूर है। हालाकि जिला प्रशासन द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग को कितनी गम्भीरता से लिया गया इसके लिये अथक प्रयास के बाद फोन न मिलने के चलते जिलाधिकारी से बात नही हो सकी।

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