– मिलावटी दूध के सेवन से कई गम्भीर बीमारियों का खतरा
– दूधिए बेखौफ होकर घर घर जा कर परोस रहे मिलावटी दूध
विनोद सिह/न्यूज वाणी ब्यूरो
गौरीगंज/अमेठी। खाद्य विभाग की लापरवाही के चलते दूधिए बेखौफ होकर मिलावटी दूध बेचने में मशगूल है जो लोगों के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ कर रहे है। जब कि लोग अपने परिवार के स्वास्थय के प्रति गंभीर हैं अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए आप व आपका परिवार दूध का सेवन करता है तो सावधान हो जाइए क्यों कि जिस दूध का आप सेहत बनाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं कहीं वह दूध आपकी सेहत तो नहीं बिगाड रहा।
शुकुल बाजार विकास खंड के अंतर्गत विभिन्न गांवों में मिलावटी दूध धड़ल्ले से बेंचा जा रहा है जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। हालांकि मिलावटी दूध पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है लेकिन विभाग महज त्यौहारों के मौके पर नाम मात्र की चेकिग कर अपनी पीठ थपथपा कर बैठ जाता है। जिसकी वजह से इनके हौसले बुलंद हैं और बेखौफ होकर बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध जनता को परोस कर अधिक धन कमाने के चक्कर में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मिलावटी दूध का कारोबार बहुत पुराना है रोक के बावजूद यह कारोबार हमेशा बेखौफ चलता ही रहता है कभी कभार त्योहारों के मौके पर विभाग नाम मात्र के लिए दूध का सैम्पल लेकर जांच को भेज देते है जांच को भेजे गए कई दूध के सैम्पल फेल भी हो जाते हैं लेकिन विभाग के अधिकारी इस समबन्ध में क्या कार्यवाही करते हैं शायद किसी को नही पता चलता। गौरतलब हो कि दूध में डिटर्जेंट व केमिकल एवं रिफाइंड के साथ साथ ग्लूकोज भी मिलावट किया जा रहा है जो सेहत के लिए काफी नुकसान दायक है जब कि अधिकारी सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं।
सिंथेटिक दूध की कैसे करें पहचान
सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए उसे सूंघे यदि साबुन जैसी गंध आ रही है तो यह समझ ले कि दूध में सिंथेटिक मिलाया गया है ।जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती ।असली दूध का स्वाद मीठा होता है ।जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट व सोडा मिले होने के कारण कडवा लगता है ।असली दूध इकट्ठा करने पर अपना रंग नहीं बदलता जबकि नकली दूध कुछ समय के बाद पीला पड़ने लगता है ।दूध में पानी की मिलावट की पहचान के लिए दूध को एक काली सतह पर छोड़े अगर दूध के पीछे एक सफेद लकीर बने तो दूध असली है ।अगर असली दूध को उबाले तो इसका रंग नहीं बदलता वहीं नकली दूध उबालने पर उसका रंग पीला पड़ जाता है ।दूध में पानी की मिलावट की पहचान हेतु किसी चिकनी लकड़ी व पत्थर की चिकनी सतह पर एक या दो बूँद टपका कर देखें अगर दूध बहता हुआ नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार सा बन जाए तो समझो कि दूध शुद्ध है ।असली दूध को हाथों में लेकर दोनों हाथ के बीच रगडने पर चिकनाहट नहीं होती वहीं नकली दूध को रगडने पर डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस होगी जोकि मिलावटी दूध का एहसास कराता है। डॉक्टर प्रज्ञा बाजपेयी ने बताया कि मिलावटी दूध के सेवन से लीवर और किडनी पर ज्यादा ही असर पड़ता है जो शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं और इनके खराब होने पर मौत होने की ज्यादा संभावनाए प्रबल हो जाती हैं ।इसके अलावा तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित होता है। बच्चों के लिए यह मिलावटी दूध कुछ ज्यादा ही घातक हो रहा है बचपन से ही उनमें असाध्य बीमारियां पैदा कर सकता है। दूध में केमिकल व डिटर्जेंट अधिक मात्रा मे ग्लूकोज एवं चिकनाई बढ़ाने हेतु रिफाइंड के साथ यूरिया मिलाने की बात भी सामने आती है। यह सभी चीजें स्वास्थय के लिए बहुत खतरनाक है इनका असर शरीर में धीरे-धीरे होता है कई बार यह आंखो की रोशनी पर भी व्यापक प्रभाव डालता है जिससे लोगों को आख से भी मोहताज होना पडता है। बच्चों के सेहत पर यह मिलावटी दूध प्रतिकूल प्रभाव डालता है। जिससे बच्चों का जीवन दुखमय बन जाता है और वही मिलावटी दूध के सेवन से लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं जबकि चिकित्सकों द्वारा खान पान पर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है लेकिन भोली भाली जनता से अधिक धन कमाने के चक्कर में दूध के कारोबारी लोगों को जहर परोस रहे हैं। आम आदमी पार्टी मीडिया प्रभारी अमेठी मोहम्मद आवेश हनफी ने बताया कि दूध डेयरी वाले अधिक धन कमाने के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। लोग इन दूधियों की शिकायत करें भी तो किससे और उन्होंने बताया कि दूधिए अधिक दूध निकालने के लिए इंजेक्शन का इस्तेमाल करते है जो कि पूर्णतयः प्रतिबंधित है उसके बावजूद दूधिए इसका प्रयोग बेखौफ होकर रहे हैं।
उप जिलाधिकारी बोले
इस सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी मुसाफिर खाना महात्मा सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नही है अगर ऐसा है तो टीम गठित कर छापेमारी की जाएगी दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
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