विष्णु सिकरवार/न्यूज वाणी ब्यूरो
आगरा। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय खेरागढ़ द्वारा आयोजित महाशिवरात्रि के पावन पर्व के उपलक्ष्य में मंगलवार को 84 वीं शिव जयंती महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम पूरे शहर में शिव बाबा की शोभा यात्रा निकाली गयी। ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र से शिव बाबा की शोभा यात्रा का शुभारंभ हुआ।
शिव बाबा की शोभा यात्रा में शिव की सुंदर झांकी सजायी गयी। शिवबाबा की शोभा यात्रा में सभी भाई-बहन हाथ में शिव ध्वज और सिर पर कलश लेकर चल रहे थे और नारों की गूंज सुनाई दे रही थी कि जागो-जागो समय को पहचानो। सतयुग आ रहा है, कलयुग जा रहा है। सतयुग में जाने के लिए बीड़ी पीना, सिगरेट पीना, शराब पीना, गुटका खाना छोड़ दो और परमपिता शिव परमात्मा को याद करो ऐसे नारों की गूंज सुनाई दे रही थी। शहर में अनेको स्थानों पर शिव बाबा का स्वागत हुआ। शोभायात्रा संपन्न होने के बाद एक मंचीय कार्यक्रम 84 वीं शिव जयंती महोत्सव का मंचीय कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभु स्मृति का दिव्य गीत के द्वारा किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रभारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शीला बहन ने बताया कि महाशिवरात्रि का यही दिव्य सन्देश है। हम परमपिता परमात्मा शिव को प्रेम से याद करके, अपने सभी पापो से मुक्त हो सकते हैं। शिवरात्रि पर्व में सारी रात जागने का यही महत्व है की वर्तमान में जब सारा संसार अज्ञान की घोर रात्रि में सोया हुआ है, तब हम हमारे कर्मो के प्रति पूर्णतः जाग्रत हो जाएं। अपने संकल्पो और कर्मो को परमात्मा के निर्देशानुसार उच्चतम स्तर पर ले जाएं, जिससे हमें चिर स्थायी सुख, शांति और समाधान की प्राप्ति हों। आइये हम सभी संकल्प करें कि हम पांच विकारो के प्रभाव से मुक्त रहेंगे और उनसे प्राप्त होने वाले कष्टों व भोगनाओं का बुरे कर्मो द्वारा आव्हान नहीं करेंगे। हमारे द्वारा निरन्तर अच्छे व पुण्य कर्म ही होंगे। दिल्ली से मीडीया प्रभारी ब्रह्माकुमारी मेधावी बहन ने कहा परमात्मा शिव त्रिमूर्ति हैं। वे ब्रह्मा द्वारा स्वर्णिम युग रूपी नव विश्व की स्थापना कराते हैं। वे उस विश्व की पालना विष्णु द्वारा कराते हैं और शंकर द्वारा पुरानी अधर्मपूर्ण कलयुगी सृष्टि का विनाश कराते हैं। शिवरात्रि के प्रसंग में अज्ञानता को रात्रि से दर्शाया गया हैं, अर्थात जहां पर ज्ञान का प्रकाश अनुपस्थित है। इसी अज्ञान रूपी अंधियारे के कारण ही वर्तमान में काम, क्रोध, लोभ, मोह, व अहंकार का अस्तित्व सर्वव्याप्त है। इस अज्ञान रूपी रात्रि में, अधर्म अपने चरम पर है। आज अशांति, अधर्म, साधारण व गलत कर्म करना ही हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, परन्तु यह सब कब तक चलेगा ? कौन हमे सदा के लिए सुख, शांति व प्रसन्नता प्रदान करेगा? इसीलिए यह आवश्यक हो जाता है कि वर्तमान समय में जब घोर अज्ञान की रात्रि इस धरा पर है, सभी आत्माएं परेशान और दुःखी हैं, तब स्वयं परमपिता शिव परमात्मा का आगमन इस धरा पर हो और वे यहाँ पर पुनः सुख, शांति, आनन्द, प्रेम, पवित्रता जैसे उच्चतम मूल्यों की स्थापना करें। धौलपुर से आये ब्रह्माकुमार सत्यप्रकाश भाई जी ने कहा शिव रात्रि का पर्व पवित्रता व प्रेम का पर्व है। जब आत्मा का प्रेम परमात्मा शिव से जुड़ जाता है तो परमात्म शक्तियाँ जीवन में आ जाती है वह कभी असफल नही होते और सफलता जन्म सिद्व अधिकार बन जाती है। माउंट आबू से आये ब्रह्माकुमार सुरेश भाई जी ने कहा यह महाशिवरात्रि के साथ जुड़े हुए आध्यात्मिक महत्व को समझने का ये सबसे अच्छा अवसर है। शिवलिंग परमात्मा शिव के ज्योति रूप को दर्शाता है। परमात्मा का कोई मनुष्य रूप नहीं है और ना ही उसके पास कोई शारीरिक आकार है। भगवान शिव एक सूक्ष्म, पवित्र व स्वदीप्तिमान दिव्य ज्योति पुंज हैं। इस ज्योति को एक अंडाकार रूप से दर्शाया गया है। इसीलिए उन्हें ज्योर्तिलिंग के रूप में दिखाया गया है, अर्थात ज्योति का प्रतीक। वो सत्य है, कल्याणकारी हैं और सबसे सुंदर आत्मा है, तभी उन्हें सत्यम शिवम्-सुंदरम कहा जाता है। वो सत-चित-आनंद स्वरूप भी है। कार्यक्रम में स्थानीय प्रभारी ब्रह्माकुमारी राखी बहन, बी.के.सुनहरी भाई, रिशी भाई आदि का वक्तव्य रहा। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार शंभू भाई मीडिया प्रभारी, देवेंद्र भाई, सूरत भाई आदि मौजूद रहे।