भुक्तभोगी को अस्पताल भर्ती कराने तक सीमित रह गयी पुलिस
न्यूज वाणी ब्यूरो फतेहपुर। प्रदेश के अलावा जिले में भी आए दिन जहर खुरानी की घटनाओं को गिरोह अंजाम देता चला आ रहा है। परदेश से कमाकर लौटने वालों को ही अधिकांशतः शिकार बनाया जाता है। घटनाएं होने पर पुलिस सिर्फ भुक्तभोगी को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद मुडकर भी नही देखती। जिसके चलते घटनाओं को अंजाम देने वालों के हौसले बुलन्द हैं।
बताते चलें कि जहर खिलाकर लूटपाट करने वाले बदमाशों के विरूद्ध पुलिस द्वारा अपराधिक कार्यवाही नही की जाती और न ही घटना होने पर मुकदमे ही पंजीकृत किये जाते हैं। ऐसे में घटनाओं को अंजाम देकर गिरोह मौज से घूमता रहता है। जिले में आये दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। गिरोह के शिकार परदेश से कमाकर अपनो से मिलने वाले लोग ही हो रहे हैं। अभी पिछले दिनों भी दिल्ली से होली पर्व पर परिवार संग खुशियां मनाने आ रहे दो युवकों को गिरोह ने अपना शिकार बना लिया था। गिरोह अधिकांश वारदाते परिवहन निगम की बसों में ही करता है। घटना होने के बाद पुलिस भुक्तभोगी को अस्पताल तो पहुंचा देती है। लेकिन उसके बाद सुधि नही लेती। जिसके चलते गिरोह और अधिक सीना चैड़ाकर लगातार वारदातों को अंजाम देता रहता है। इन घटनाओं पर अंकुश तभी लग सकता है जब पुलिस अपने इलाकों में होने वाली घटनाओं को संज्ञान में लेकर मुकदमा पंजीकृत करें और विवेचना करके गिरोह के लोगों का पर्दाफाश करें। सेवानिवृत्त आईपीएस एवं पुलिस महानिदेशक सूर्य कुमार शुक्ला जब प्रयागराज परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक हुआ करते थे और जिले में भ्रमण पर आते थे। तब उनके समक्ष इस तरह की घटनाओं पर चर्चा होती थी। उनका मानना था कि जहरखुरानी गिरोह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किये जायें और बकायदा अन्य अपराधों की तरह इस तरह की घटनाओं की विवेचना करायी जाये। तभी गिरोह प्रकाश में आयेगा और उस पर कार्यवाही की जाये। लेकिन उनका यह सुझाव शायद अनबूझ पहेली बन चुका है।
Next Post