शहर के ताम्बेश्वर नगर में फल-फूल रहा जिस्म फरोशी का धंधा

न्यूज़ वाणी नफीस जाफरी
फतेहपुर। अर्से से जिस्मफरोशी के लिए बदनाम कई मोहल्लो में जहां अब इस तरह का घिनौना कारोबार थम गया है। वहीं होशियार किस्म के संचालकों ने ताम्बेश्वर नगर इलाके में इस गंदे धंधे को परवान चढाने का काम शुरू कर दिया है। संचालक के रूप में एक रिटायर्ड फौजी का नाम सामने आ रहा है। इस धंधे के प्रति या तो पुलिस बेखबर है। या फिर इस कारोबार को पनपाने में खुद शामिल है। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बताते चलें कि जिस्म फरोशी के धंधे के लिए अर्सा पहले पीरनपुर के अलावा तुराबअली का पुरवा का नाम सबसे आगे आता था। लेकिन अब इन मोहल्लों के बाशिन्दों में जागरूकता आने के कारण संचालकों के मंसूबों पर पानी फिर गया और अब यह इलाके लगभग इस घिनौने कार्य से मुक्त हो चुके हैं। ऐसे में संचालकों को नया इलाका ढूंढने में देर नही लगी और उन्होने इस घिनौने कार्य को ऐसे इलाके में संचालित कर दिया है। जहां पर लोगों की एक मंदिर के प्रति आस्थाएं जुड़ी हुई है। कभी लोगों का दिमाग भी इस आस्था से जुडे इलाके की ओर जा भी नही सकता। जानकार सूत्रों का कहना है कि इसी आस्था वाले इलाके में एक रिटायर्ड फौजी ने इस घिनौने कार्यबार को परवान चढाने का काम शुरू कर दिया है। दमदार सूत्रों का कहना है कि इस इलाके में संचालित हो रहे जिस्म फरोशी के धंधे में निचले स्तर से लेकर धनाड्य लोग भी अपनी जिज्ञासा की पूर्ति के लिए पहुंचने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि संचालक इस समाज विरोधी काम के लिए शौकीन लोगों से कमरे के किराये के रूप में जहां दो सौ से तीन सौ रूपये का शुल्क लेता है। वहीं जिस्म फरोशी के लिए कारोबार में शामिल वैश्याओं के भी अलग-अलग रेट निर्धारित कर दिये गये हैं। सुबह से लेकर देर रात तक यहां पर रंगीन मिजाज लोगों के आने का सिलसिला बना रहता है। ताज्जुब इस बात का है कि आखिर इलाका पुलिस को इस धंधे की भनक अब तक क्यों नही लग पाई। इसके पीछे दो ही तर्क काफी हैं। या तो पुलिस की इस धंधे में मिली भगत है, या फिर यह धंधा अब तक उसके संज्ञान में नही आया।

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