गोवर्धन पर्वत उठाकर श्रीकृष्ण ने दिया प्रकृति संरक्षण का संदेश

न्यूज वाणी ब्यूरो
चैडगरा/फतेहपुर। प्रभु श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाकर लोगों को प्रकृति के संरक्षण का संदेश दिया था। इसके बाद भी आज के दौर में हम प्रकृति का दोहन करने में लगे हुए हैं। इसके फलस्वरूप जंगल नष्ट हो रहे हैं। नदियां प्रदूषित हो रही हैं। पहाड़ खत्म हो रहे हैं। आने वाले समय में इसके परिणाम बहुत ही घातक होंगे। यह बात मलवा ब्लाक के जलाला गाव में चल रही भागवत कथा में कथाव्यास यदुनाथ अवस्थी ने कही।
उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने अवतार लेते ही लीलाएं शुरू कर दी थीं। श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं से राक्षसों का भी उद्धार किया। व्यक्ति को कर्म करना चाहिए। कान्हा के मिट्टी खाने की शिकायत बलराम ने माता यशोदा से की थी। तब माता यशोदा ने कान्हा को डांटते हुए उनका मुंह खुलवाया। माता यशोदा को श्री कृष्ण के मुख में ब्रह्मांड के दर्शन हुए। जब इंद्रदेव ने रुष्ट होकर तेज बारिश शुरू कर दी तब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर नंदगांव वासियों को बचाया था। कथा मे राक्षसो के वध का मार्मिक वर्णन किया। समापन पर आरती व प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर आयोजक राकेश साहू, दुर्गेश मिश्रा, रामशंकर, अनिल भदौरिया, संजय तिवारी, शिवम सिंह आदि रहे।

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