इटली में मृतकों की संख्या दो दिन बाद मंगलवार को अचानक बढ़ गई। घातक कोरोना वायरस के चलते यहां एक दिन में और 743 की जान चली गई और मरने वालों का आंकड़ा 6,820 पर पहुंच गया। यह आशंका जताई जा रही है कि संक्रमितों का आंकड़ा 10 गुना ज्यादा हो सकता है। ब्रिटेन में भी एक दिन में 87 लोगों की मौत हो गई, जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। वहां मरने वालों का आंकड़ा 422 हो गया है। दुनियाभर में मरने वालों की संख्या 17,225 हो गई है, जबकि, 3,95,500 लोग संक्रमित हुए हैं।इटली में संक्रमितों का आंकड़ा भी पांच हजार के करीब बढ़ गया है। संक्रमितों की संख्या सोमवार के 63,927 के मुकाबले मंगलवार को 69,176 हो गई। वैसे संक्रमितों की संख्या 10 गुना ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि टेस्ट सिर्फ उन्हीं लोगों का किया जा रहा है जो किसी न किसी वजह से अस्पताल पहुंच रहे हैं। हालांकि लाखों ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो संक्रमित हों, लेकिन उनका टेस्ट नहीं किया गया है।हर 10 में से एक संक्रमित
इटली के सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के प्रमुख एंजिलो बोरेली ने ला रिपब्लिका समाचार पत्र को बताया कि प्रत्येक 10 लोगों में एक व्यक्ति के संक्रमित होने का अनुपात विश्वसनीय है। इसी अनुपात को आधार माना जाए तो देश में 6,40,000 लोग संक्रमित हो सकते हैं। बता दें कि इटली की आबादी छह करोड़ से कुछ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इटली मास्क और वेंटीलेटर की कमी से जूझ रहा है। हम दूसरे देशों से स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को मंगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रूस, रोमानिया, भारत और तुर्की जैसे देशों ने इनकी बिक्री को रोक रखा है।इटली में मास्क की किल्लत
बोरेली ने कहा कि हम इन देशों में स्थित अपने दूतावासों के संपर्क में हैं, लेकिन हमें लगता है कि विदेशों से मास्क आदि नहीं पहुंच सकेंगे। महामारी ने इटली की अर्थव्यवस्था को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है। पूरे देश में व्यापारिक गतिविधियां ठप हैं। सरकार ने यूरोपीय यूनियन के देशों से बेलआउट पैकेज की मांग की है, लेकिन अमीर देश इस पर बहुत अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वर्तमान में तथाकथित यूरोपियन स्टेबिलिटी मैकेनिज्म (ईएसएम) मदद देने को तैयार है, लेकिन इसके लिए उसने कड़ी शर्ते लगाई हैं।