लॉकडाउन से तीन हफ्ते में देश की अर्थव्यवस्था को 9 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा

नई दिल्ली- कोरोनावायरस की वजह से देश में तीन हफ्ते के लॉकडाउन से अप्रैल-जून तिमाही की जीडीपी ग्रोथ में तेज गिरावट आएगी। इससे पूरे साल की ग्रोथ प्रभावित होगी। लॉकडाउन की वजह से देश को करीब 120 अरब डॉलर (9.12 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान होगा। यह कुल जीडीपी के 4% के बराबर है। इसे ध्यान में रखते हुए ही जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कम किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जीडीपी ग्रोथ में 2% कमी आ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार के ऐलान के बाद बार्कलेज बैंक ने अर्थव्यवस्था पर असर को लेकर रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है।

इस साल ग्रोथ का अनुमान 4.5% से घटाकर 2.5% किया
बार्कलेज इंडिया के चीफ इकोनॉमिस्ट राहुल बजोरिया का कहना है कि चार हफ्ते पूरी तरह देश बंद और उसके बाद आठ हफ्ते आंशिक बंद मानते हुए रिपोर्ट तैयार की गई है। 2020 में ग्रोथ का अनुमान 4.5% से घटाकर 2.5% और पूरे वित्त वर्ष (2020-21) के लिए 5.2% से घटाकर 3.5% कर दिया है। लेकिन, अगले साल ग्रोथ में तेजी की उम्मीद जताई है। उसके मुताबिक 2021 में जीडीपी ग्रोथ 8.2% वित्त वर्ष 2021-22 में 8% रहेगी।

आरबीआई अगस्त तक ब्याज दरों में 1.65% कटौती कर सकता है
बैंक का पहले अनुमान था कि संभावित मंदी को देखते हुए आरबीआई ब्याज दरों में 65 बेसिस पॉइंट की कटौती करेगा, लेकिन अब कहा है कि रेट कट और भी ज्यादा होगा। बार्कलेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई अप्रैल की मौद्रित नीति समीक्षा में 65 बेसिस पॉइंट की कटौती करेगा। जून-अगस्त की समीक्षाओं में 100 बेसिस पॉइंट की कमी और होने की उम्मीद है। इसके अलावा बॉन्ड खरीद और बैंकों को ज्यादा से ज्यादा नकदी मुहैया करवाने के इंतजाम भी जारी रहेंगे।

सरकार का वित्तीय घाटा 3.5% की बजाय 5% रहने के आसार
रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी ग्रोथ में कमी की वजह से सरकार का वित्तीय लक्ष्य हासिल करना मुश्किल होगा। ऐसे में आरबीआई से रकम की मांग की जा सकती है। हालांकि, इस मुद्दे पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। बार्कलेज ने सरकार के वित्तीय घाटे के अनुमान को जीडीपी के 3.5% के मुकाबले अब 5% कर दिया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.