न्यूज वाणी ब्यूरो/विष्णु सिकरवार, अंकित शुक्ला
आगरा। वर्तमान समय में जब समूचा बिश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। दुनियां के सबसे ताकतवर देश अमेरिका जापान के साथ ही स्पेन चीन के साथ दुनियां के लगभग 150 देश इस महामारी से बेहाल हुये पड़े हैं। एक भयावह मंजर दस्तक दे चुका था तब समूचे विश्व की निगाहें भारत पर थी कि अगर कोरोना ने भारत में पैर पसारे तब क्या होगा। और जब भारत में इस तरह के केस मिलना शिरू हुये और दुनियां के साथ साथ हमारा देश भी इस हालात में था कि चिकित्सा के क्षैत्र में पर्याप्त संसाधन भी हमारे पास उतने नहीं है जितने कि दुनियां के विकसित देश में थे। तो सरकार ने बिना देर किये कोरोना को भारत में महामारी घोषित कर दिया जब अफरातफरी का माहौल हो गया इस स्थिति में वर्तमान भाजपा सरकार ने जिस जिम्मेदारी और सुजबूझ का परिचय दिया ऐतिहासिक है। भारत सरकार यानी भाजपा सरकार ने एहतियात के तौर पर कड़े निर्णय लेना शिरू कर दिया तो सबकी निगाहें भारत के प्रधानमन्त्री की ओर टिक गयी वहीँ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को विपक्ष के नेता भी नसीहत देने लगे तब भारत के प्रधानमन्त्री ने एक बार फिर से देश का नेतृत्व करते हुये जिस परिपक्वता का सन्देश देश को दिया है तो विपक्ष के साथ ही समूचा विश्व हैरान है कि भारत ने इतने कम समय में शीघ्रता दिखाते हुये जो कड़े निर्णय देशहित में लिये है सन्देश देते हैं कि वर्तमान सरकार में देशहित में कड़े निर्णय लेने की क्षमता है। प्रधानमन्त्री ने बड़े ही सूजबूझ से संकट की इस घड़ी में 130 करोड़ भारतीयों के सामने बहुत ही समझदारी से इस महामारी व वेश्विक आपदा को इस तरह से वाकिफ कराया कि समूचा भारत प्रधानमन्त्री के साथ खड़ा हो गया इसकी शिरूआत सरकार ने जनता एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाकर की जिसको पक्ष विपक्ष के साथ पूरे भारत ने समर्थन दिया और साथ ही इस दौरान भी प्रधानमन्त्री ने जनता को ठीक पांच बजे अपने अपने घरों में खड़े हो कर थाली घण्टी आदि बजाने का आव्हान किया तो कुछ लोगों ने इसका मजाक भी बनाया लेकिन जब समूचा भारत प्रधानमन्त्री के साथ इस मुहिम में भी शामिल हुआ तो इस एक दिन के जनता कर्फ्यू ने समूचे विश्व को सन्देश भी दिया कि आपदा व संकट की घड़ी में पूरा भारत एक है और सरकार के साथ है। इस बीच ही भारत के सामने इतनी बड़ी संख्या में मास्क और सेनेटाइजर का संकट भी खड़ा हो गया तो सरकार ने बड़ी चपलता और त्वरित रूप से इसका भी समाधान निकाल लिया, संकट ये भी था कि जो लोग बाहर से यात्रा करके आये वो सरकार को जानकारी देने से हिचकिचाने लगे तो उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ा रुख अपनाते हुये आगरा में महामारी अधिनियम के तहत जानकारी छुपाने को लेकर अभियोग पंजीकृत करा दिया जो कि पूरे देश में पहला मामला था जिससे सन्देश भी गया कि सरकार जनता के लिये कड़े फैंसले लेने से नहीं हिचकिचायेगी, एक दिन के जनता कर्फ्यू के सफल होने के बाद प्रधामन्त्री मोदी ने देश का नेतृत्व करते हुये देश के सामने पहले कुछ चुनिंदा राज्यों व कुछ शहरों में लॉकडाउन के साथ सन्देश भी दिया कि ये बढ़ाया जा सकता है जिसको बड़ी ही चपलता से प्रधानमन्त्री ने 21 दिन के लॉकडाउन में परिवर्तित कर दिया सरकार का ये निर्णय ऐतिहासिक था जिसको बिना अफरातफरी के सरकार ने लागू करना शुरू कर दिया ऐसा करके सरकार ने कोरोना के खिलाफ एक मजबूत कदम बड़ा लिया साथ ही सरकार ने इस संक्रमित महामारी से पीड़ित मरीजों को भी उच्चस्तरीय इलाज मुहैया शुरू कर दिया जिससे कुछ मरीज ठीक भी होने लगे सरकार के इतने अल्प समय में किये गये अभूतपूर्व इंतजामों से समूचा विश्व हैरान और चकित है वहीँ लॉकडाउन में राज्य सरकारों का योगदान भी कम नहीं है उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक शहर के साथ हर घर तक जरूरतमन्दों को जरुरी सुविधायें मुहैया कराने का निर्णय लिया है जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ वाहन एम्बुलेंस तथा कुछ सरकारी उपक्रमों के वाहन प्रयोग में लाये जायेंगे इस तरह के निर्णय अफरातफरी को बचाने के साथ साथ जनता को ये सन्देश दे रहे हैं कि जनता के लिये सरकार में हरसम्भव निर्णय लेने की क्षमता है हालांकि इस दौरान देश में दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है जिसके लिये भी सरकारें अभूतपूर्व इन्तजाम किये हैं ये भारत में पहली बार हुआ है जब देश के विश्वविख्यात कुछ स्मारकों में ताला लटका है दुनियां के सबसे बड़े रेल नेटवर्क के पहिये थमे हुये हैं साथ ही जरूरत की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के साथ पुलिस को सख्ती से लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित कराने के लिये आदेशित करना ये दर्शाता है कि सरकार ने एक मजबूत नेतृत्व का सन्देश दिया है अब जब पूरा विश्व कोरोना से त्राहिमान है और हम भारतवासी अब तक इससे बचे हुये हैं सरकार के साथ साथ भारत की पुलिस सरकारों के कर्मचारी स्वास्थ्य कर्मी आदि का इन हालातों में काम करने का ये जज्बा वाकई तरीफेकाबिल है ये सब लिखते हुये भी सुखद अनुभूती है कि हम इस महामारी से बचे हुये हैं और मुझे प्रधानमन्त्री के मजबूत नेतृत्व को और मजबूत और कुशलता भरा हुआ कहने में कतई गुरेज नहीं है आगामी पीड़ी मोदी के इन ऐतिहासिक कदम को दशकों तक याद रखेंगी।