CISF और मेट्रो स्टाफ के झगड़े में पिसे यात्री, रुकी रही मेट्रो

नई दिल्ली। द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर गुरुवार की सुबह सीआईएसएफ और डीएमआरसी के स्टाफ के बीच हुए झगड़े की कीमत रात को आम लोगों को चुकानी पड़ी। विरोध में मेट्रो के नाराज कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया और ककरौला डिपो के पास वे मेट्रो ट्रैक पर उतरकर धरने पर बैठ गए। इसके चलते मेट्रो का ऑपरेशन रोकना पड़ा। लोग फंसे रहे, जबकि ट्रेनों के अंदर घोषणा की गई कि तकनीकी खराबी के चलते ट्रेन ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। डीएमआरसी और सीआईएसएफ, दोनों ही अपने स्टाफ का बचाव करते हुए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मामला पुलिस तक पहुंच गया।
पुलिस का कहना था कि उन्हें दोनों ही पक्षों की तरफ से शिकायत मिली है और वह मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर एक प्राइवेट गार्ड ने अवैध पार्किंग में खड़ी सीआईएसएफ के सब-इंस्पेक्टर जय प्रकाश की बाइक के टायर की हवा निकाल दी। जय प्रकाश के पूछने पर गार्ड ने कहा कि उसने स्टेशन मैनेजर शंभू गुप्ता के कहने पर ऐसा किया। इस पर जय प्रकाश भड़क गया और एक अन्य एसआई और दो कॉन्स्टेबलों को साथ लेकर स्टेशन मैनेजर के कमरे में पहुंचकर बहस करने लगा। दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई।
पुलिस का कहना है कि जय प्रकाश मारपीट में शामिल नहीं था, मगर उसके साथियों ने स्टेशन मैनेजर के साथ जरूर मारपीट की। सीआईएसएफ के जवानों का आरोप था कि शुरुआत शंभू ने की थी। जानकारी मिलने बाद डीएमआरसी के सिक्यॉरिटी कमिश्नर मुकुंद उपाध्याय और सीआईएसएफ के सीनियर अफसर भी मौके पर पहुंचे। दिनभर मामले को सुलझाने की नाकाम कोशिश चलती रही। देर शाम स्टेशन मैनेजर ने 100 नंबर कॉल करके इस बारे में पुलिस कंप्लेंट कर दी। विरोध में रात सवा 9 बजे के करीब मेट्रो का स्टाफ द्वारका स्टेशन के पास ट्रैक पर उतर गया, जिसके चलते द्वारका सेक्टर-21 से जनकपुरी के बीच करीब आधे घंटे तक मेट्रो का ऑपरेशन रोकना पड़ा।
डीएमआरसी ने कहा कि सीआईएसएफ के स्टाफ ने डीएमआरसी के एक कर्मचारी पर हमला किया था। सीआईएसएफ भी विभागीय स्तर पर इस मामले को देख रही है। डीएमआरसी ने इस मामले में अपने स्टाफ की गलती के आरोपों से साफ इनकार करते हुए अपने कर्मचारी को विक्टिम बताया है। सीआईएसएफ प्रवक्ता का कहना था कि आपसी गलतफहमी की वजह से यह घटना घटी।

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