जिला चिकित्सालय में आठ सैकड़ा प्रवासियों की हुयी थर्मल स्क्रीनिंग – सोशल डिस्टेंस की खुलेआम उड़ रहीं धज्जियां

न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। जिले सहित विभिन्न प्रदेशों के कामगार रोजी-रोटी के लिए दिल्ली में काम करते हैं। ऐसे में भुखमरी की स्थिति में पहुंच रहे हजारों की संख्या में लोग दिल्ली की सडकों पर उतर आये और अपने वतन अर्थात पैतृक गांव के लिए पैदल ही चल दिये थे। ऐसे लोगों का जिले में तीन दिनों से आने का सिलसिला जारी है। जिले के बाहर से आये लगभग साढ़े आठ सौ प्रवासियों की जिला अस्पताल में थर्मल स्क्रीनिंग की गयी। सभी को स्की्रनिंग के बाद बचाव के उपाय बताकर अपने-अपने घरों के लिए वापस कर दिया गया। अस्पताल आने वाले प्रवासी भी सामाजिक दूरी बनाये रखने के बजाये करीब-करीब लाइन में खडे हो जाते हैं। जबकि कई बार मेडिकल स्टाफ इन लोगों से दूरी बनाये रखने की अपील भी करता है।
लाक डाउन के सातवें दिन मंगलवार को भी प्रवासियों का जिला अस्पताल में आने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था। दिन भर आने वालों की चिकित्सकों ने थर्मल स्क्रीनिंग की। रात आठ बजे तक लगभग साढे आठ सौ प्रवासियों की स्क्रीनिंग सरकारी अभिलेखों में दर्ज की गयी है। स्क्रीनिंग कराने आये तमाम लोगों ने बताया कि दिल्ली से यहां तक सफर तय करने में नाना प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पडा है। लोडर मिला तो लोडर पर सवार हो गये। इतना ही नही गैस भरे टैंकर मिले तो उन पर भी सफर कर लिया। इसके अलावा बीच-बीच में लगभग डेढ सौ किलोमीटर से ज्यादा पैदल भी चलना पडा। कई लोगों ने बताया कि दिक्कतों से निजात पाने के लिए वतन लौटने की ललक में उनके पैरों को रूकने नही दिया। भले ही छाले पड गये हों। लेकिन अब अपने जिले में आकर वह राहत का एहसास कर रहे हैं।

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