फतेहपुर। न्यूज़ वाणी से नफीस जाफ़री विकास भवन सभागार में सचिव लोकायुक्त आरएन पाण्डेय की अध्यक्षता में सभी विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में लोकायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोक सेवको के सेवानिवृत्त/सेवाकाल में मृत्यु से सम्बन्धित देयको के प्रकरण सम्बन्धित परिवाद जो शिकायत की श्रेणी में आते है वह प्रस्तुत किये जा सकते है। उन्होने कहा कि प्रदेश के लोकायुक्त तथा उप लोकायुक्त को अभिकथन तथा शिकायत सम्बन्धी परिवाद निर्धारित प्रपत्र पत्र तीन प्रतियों में धारा-9(2) के अनुसार नोटरी शपथ पत्र एवं धारा 09(3) के अनुसार परिवाद शपथ पत्र संलग्नक/अनुलग्नक का सत्यापन परिवादी स्वंय के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार करके एवं अभिकथन रूपी परिवादों में रू0 2000/-प्रतिभूति निर्धारित लेखाशीर्षक 8443 सिविल निक्षेप 00-103 प्रतिभूति निक्षेप 00-00 के अन्र्तगत भारतीय स्टेट बैंक अथवा कोषागार चालान के माध्यम से जमा करके मूल प्रति प्रस्तुत किया जा सकता है। उन्होने कहा कि यदि प्राप्त परिवाद मित्थ्या फर्जी पाया जाता है तो ऐसे परिवादियों पर लोकायुक्त द्वारा 50 हजार तक की धनराशि का हर्जाना लगाया जा सकता है एवं प्रतिभूति की धनराशि जब्त की जा सकती है। उन्होने कहा कि परिवादी अपना पूरा नाम, पता, मोबाइल नम्बर ई-मेल के साथ अंकित किया जाना चाहिये। उन्होने बताया कि लोकायुक्त संगठन में दो प्रकार की शिकायतें ली जाती है 1-यदि कोई लोक सेवा अपने पत्र का अनुचित उपयोग करता है तो इस शिकायत को अभिकथन या भ्रष्टाचार की श्रेणी में रखा जाता है, 2-यदि कोई लोक सेवक अपने कार्य में लापरवाही करता है तो इस प्रकार की शिकायत कुप्रशासन की श्रेणी में आता है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री एवं ग्राम प्रधान को छोड़कर अन्य सभी लोक सेवको से सम्बन्धित शिकायत लोकायुक्त से की जा सकती है। उन्होने बताया कि मत्रियों, विधायको व अन्य लोक सेवको के विरूद्व भ्रष्टाचार, पद के दुरूपयोग व कुप्रशासन के सम्बन्ध में प्राप्त होने वाले परिवादों को गृहण करके लोकायुक्त व उपलोकायुक्त उ0प्र0 के द्वारा उसका निराकरण कराते हुए उत्तरदायी मंत्रियों, विधायको और लोक सेवको के विरूद्व कार्यवाही हेतु संस्तुतियां सक्षम प्राधिकारी(मुख्यमंत्री/मुख्य सचिव)को प्रेषित की जाती है और वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को प्रेषित की जाती है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एसपी आनन्द, उपजिलाधिकारी सदर, बिन्दकी, खागा, पीडी एके निगम, डीडीओ रमेश चन्द्रा सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।