बैंकों में उमड़ने वाली भीड़ से उड़ रहीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां – पांच हजार की अफवाह भी कोढ़ में बन रही खाज

न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। कोरोना वायरस जैसी महामारी से निजात पाने के लिए जहां बचाव के लिए घरों में ही रहना व सोशल डिस्टेंसिंग को मुख्य वजह बतायी जा रही है। वहीं विभिन्न योजनाओं की मदद में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गयी धनराशि को निकालने के लिए बैंकों पर उमड़ रही भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग को तार-तार ही नही कर रही है। बल्कि मकसद को पूरा करने में भी आड़े दिख रही है। इन भीड़ में आने वाली तमाम महिलाएं अफवाहों की शिकार भी हैं। किसी ने इन्हे बरगला दिया है कि सरकार ने पांच हजार रूपये खाते में भेजे है। जिसे निकालने के लिए भीड़ उमड़ रही है। इन्हे यह भी भय है कि कहीं सरकार बैंकों में भी आगे चलकर तालाबंदी न कर दे। इस लिए अपनी धनराशि जल्द से जल्द हांथों में आ जाये।
बताते चलें कि देश में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा हैं। आप इन आंकड़ों को देखकर खुद ही समझ लेंगे कि देश की स्थिति क्या हैं। लाक डाउन की घोषणा वाली रात को देश भर में संक्रमित मरीजों की संख्या लगभग साढ़े पांच सौ के आसपास थी। इसके अलावा मृतकों की संख्या में भी दहाई तक सीमित थी। लाक डाउन की घोषणा होने के साथ मरीजों व मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। लाक डाउन की घोषणा के पन्द्रहवें दिन तक संक्रमित मरीजों की संख्या 52 सौ के आसपास पहुंच गयी है। इस प्रकार यह संख्या प्रतिदिन तीन सौ के आसपास पहुंच गयी है। वहीं मरने वालों की संख्या भी इस एक पखवाड़े में प्रति दिन नौ से अधिक पार कर गयी है। लाक डाउन का मकसद लोगों को वायरस के संक्रमण से बचाना और आमजन की जान की हिफाजत करना था। इन उपायों के लिए भीड़भाड़ से बचना व घरों पर ही रहने के आहवान के साथ बार-बार हांथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सेटेनाईजर से छिड़काव कराना, खांसी अथवा बुखार आने के साथ ही सांस में दिक्कत वाले मरीजों को अस्पताल में जांच करवाना शामिल है। लेकिन चालू माह की पहली तारीख से खाद्यान वितरण में जहां राशन की दुकानों में जहां भारी भीड़ उमड़ी और शारीरिक दूरी का आहवान तार-तार हो गया। इसके बाद केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न योजनाओं जैसे जनधन की महिलाओं को पांच-पांच सौ रूपये, पंजीकृत श्रमिकों को एक हजार रूपये, उज्जवला योजना की लाभार्थियों को गैस खरीदने की धनराशि सहित अन्य योजनाओं की धनराशि बैंकों में भेज दी गयी है। बैंकों में धनराशि आने की जानकारी मिलते ही खाताधारकों की भीड़ बैंकों पर अचानक उमड़ पड़ी। ऐसे में भीड़ को रोकने के लिए बैंक प्रबंधतंत्र भी जहां असहाय दिख रहा है। वहीं बेचारी पुलिस भी इन लाभार्थियों से कैसे निपटें। कुल मिलाकर खाद्यान वितरण व बैंकों से धनराशि निकालने के लिए उमड़ी भीड़ ने भी शारीरिक दूरी का जमकर उल्लंघन किया है। योजनाओं से लाभान्वित महिलाएं शायद ही अपने खातों से सौ रूपये, दो सौ रूपये, अधिकतम पांच सौ रूपये ही निकाल सकें। लेकिन इस बीच भीड़ में कई महिलाओं से जब ‘‘अभिनन्दन मोर्चा‘‘ की टीम ने पूंछा की अम्मा, माता श्री, बहन जी खाते मा कितना रूपया आवा है। तपाक से बोलीं हमका तो पता लाग है कि सरकार हमरे खाते में पांच हजार भेजिस है। अब यहां पता लगा कि अफवाहों ने भी बैंकों पर भीड़ बढ़ाने में अहम भूमिका अदा की है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.