लंदन-वॉशिंगटन-रोम. कोरोनावायरस फैलाने को लेकर हो रही आलोचना के बीच चीन ने गुरुवार को अपनी सफाई दी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि कीचड़ उछालने और आरोप लगाने से वायरस से छुटकारा नहीं मिलेगा। हम चाहते हैं कि अमेरिका जल्द कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीते। झाओ ने ट्रम्प और पॉम्पियो का नाम न लेते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि अमेरिकी लोग महामारी पर राजनीति करने, चीन को दोष देने वाले नेताओं के काम को स्वीकार नहीं करेंगे। बता दें कि अमेरिका कोरोनोवायरस संक्रमण के फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो कह चुके हैं कि चीन इस वायरस की रोकथाम में नाकाम रहा और न ही उसे दुनिया को इसके खतरे से आगाह किया। इधऱ, दुनियाभर में इस वायरस से अब तक 89 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।15 लाख 35 हजार संक्रमित हैं, जबकि तीन लाख 40 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।
कोरोना की वजह से यूरोप की मुख्य एयरलाइंस कंपनी लुफ्थांसा को हर घंटे 8.30 करोड़ रु. (10 लाख यूरो) का नुकसान हो रहा है। कंपनी का कहना है कि इस समय वह अपने भविष्य को बचाने के लिए लड़ रही है। वहीं, एय़रबस भी अपने उत्पादन में एक तिहाई की कटौती करेगी। कंपनी अब हर महीने 40 A320, दो A330 और 6 A350 विमानों का ही निर्माण करेगी।
गर्मी में वायरस का असर कम होने की उम्मीद नहीं
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों को लगता है कि गर्मी के मौसम में महामारी का असर कम हो जाएगा। लेकिन नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज ने व्हाइट हाउस को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस उम्मीद में न बैठें। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि ज्यादा तापमान और आर्द्रता वायरस के वातावरण में जीवित रहने की क्षमता को कम कर सकता है। लेकिन यह स्टडी बहुत ही छोटे पैमाने पर की गई है। पैनल का कहना है कि इसमें यह साफ नहीं हो सका है कि गर्मी के मौसम में कोरोनोवायरस के फैलने पर क्या असर होगा।
इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे-इन से बात की। दोनों नेताओं के बीच वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा हुई।
कोरोना अपडेट्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी से फोन पर बात की। उन्होंने युगांडा के राष्ट्रपति को भरोसा दिलाया कि कोरोना की रोकथाम के लिए भारत उनके देश को हरसंभव मदद करेगा।
लंदन के सेंट थॉमस हॉस्पिटल में भर्ती ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। वे पिछले 3 दिन से आईसीयू में भर्ती हैं। उनके प्रवक्ता ने बताया कि वे बहुत सकारात्मक हैं। वे फिलहाल ऑक्सीजन पर हैं।
दुनियाभर में स्वास्थ्य उपकरणों और दवाईयों की कमी के बीच चीन की कंपनियों ने 58 देशों और क्षेत्रों के अलावा चार अंतरराष्ट्रीय निकायों के साथ चिकित्सा आपूर्ति अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं।
इटली के प्रधानमंत्री जूजेपे कॉन्टे ने यूरोपियन यूनियन से बजट नियमों को शिथिल करने के लिए कहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह यूरोप का अंत होगा। ईयू के सदस्य इस वक्त कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बंटे नजर आ रहे हैं। कॉन्टे ने सबसे एकजुट होने की अपील की है।
अमेरिका: एक दिन में 1,973 मौतें
इस बीच, अमेरिका में एक दिन में कोरोना के 33 हजार नए मामले सामने आए, जबकि 1,973 लोगों की जान गई। इसके साथ ही देश में मौत का आंकड़ा 14 हजार 800 हो गया है, जबकि चार लाख 35 हजार संक्रमित हो चुके हैं। उधर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) महामारी से गलत तरीके से निपटा। उसे अपनी प्राथमिकताएं सही रखनी चाहिए। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में ट्रम्प के हवाले से कहा, ‘‘एजेंसी को फंडिंग जारी रखनी चाहिए या नहीं, इस पर अमेरिका दोबारा विचार करेगा।’’
अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फौसी ने कहा कि लोगों को हाथ नहीं मिलाने की प्रथा हमेशा के लिए छोड़ देनी चाहिए। इससे दुनियाभर में कोरोनावायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही फ्लू जैसी सभी बीमारियों में भारी कमी आएगी।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसॉम ने बुधवार को बताया कि यहां 24 घंटे में 68 लोगों की मौत हुई। इसके साथ मृतकों की कुल संख्या 450 हो गई है। राज्य के चिकित्साकर्मियों, सुपरमार्केट कर्मचारियों, मोटर वाहन विभाग के कर्मचारियों और सड़कों पर चलने वाले किसी भी अन्य कर्मचारियों के सुरक्षा उपकरणों पर 1.4 अरब डॉलर खर्च किया जाएगा।
नए रिसर्च में इसके संकेत मिले हैं कि कोरोनोवायरस फरवरी के मध्य में ही न्यूयॉर्क क्षेत्र में फैलना शुरू हो गया था। यह मुख्य रूप से यूरोप से लौटे यात्रियों द्वारा लाया गया था, न कि एशिया के।
न्यूयॉर्क के गवर्नर क्यूमो ने बुधवार को कहा- राज्य में पिछले 24 घंटे में 779 लोगों की मौत हुई है। यह एक दिन में मरने वालों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। एक दिन पहले यहां 731 लोगों की मौत हुई थी। न्यूयॉर्क में अब तक एक लाख 51 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। यह आंकड़ा यूरोप के सबसे ज्यादा प्रभावित स्पेन, इटली और जर्मनी से भी ज्यादा है। वहीं, यहां छह हजार 268 लोगों की जान जा चुकी है।
एक विश्लेषण से पता चला कि कोरोनावायरस का असर अमेरिका में रहने वाले काले लोगों पर ज्यादा पड़ा है। शिकागो की कुल आबादी का 30% हिस्सा अफ्रीकी-अमेरिकियों का है। इनमें से 68% की मौत कोरोना से हो गई है। सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में शिकागो की मेयर लोरी लाइटफुट ने कहा, ‘‘यही हाल उत्तरी कैरोलिना, लूसियाना, मिशिगन, विस्कॉन्सिन और राजधानी वॉशिंगटन का भी है।’’