लखनऊ। बच्चे के विकास के लिए पढ़ाई के साथ खेलकूद भी जरूरी है। इसे समझते हुए अब हर सरकारी स्कूलों को 5-25 हजार रुपये तक के खेलकूद के सामान दिए जाएंगे। मानव संसाधन मंत्रालय ने समग्र शिक्षा अभियान की शुरुआत के साथ ही ये घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘खेलेगा इण्डिया, खिलेगा इण्डिया अभियान की शुरुआत की है। इसमें अब सरकारी स्कूलों को भी जोड़ा जा रहा है। इसके तहत अब हर प्राइमरी स्कूल को 5000, जूनियर हाईस्कूल को 10,000 और हायर सेकेण्डरी, हाईस्कूल को 25000 तक के खेल के सामान दिए जाएंगे। अभी तक खेलकूद मद में कोई अनुदान नहीं दिया जाता है। अक्सर अन्य योजनाओं से बचा हुए पैसे को ही खेलकूद में खर्च किया जाता है। लेकिन अब हर स्कूल में अनिवार्य रूप से खेल के सामान होंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने बीते वर्ष फुटबॉल की शुरुआत सरकारी स्कूलों में की थी। इसके लिए हर स्कूल में दो फुटबॉल खरीदे गए। श्री सिंह के मुताबिक सिर्फ फुटबॉल को प्रोत्साहित किए जाने के पीछे मंशा थी कि इसके लिए ज्यादा संसाधनों की जरूरत नहीं है। सिर्फ मैदान की जरूरत होती है जो हर स्कूल में होता है। इसे स्कूल के बीच में या शाम को भी स्कूल प्रागंण में खेला जा सकता है। ‘खेलो फुटबॉल अभियान न सिर्फ चलाया गया बल्कि इसकी समीक्षा भी समय-समय पर की जा रही है। श्री सिंह का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए खेलकूद बहुत जरूरी है। हम इस वर्ष भी एक खेल को प्रोत्साहित करने की योजना पर काम कर रहे हैं जो कम संसाधनों में खेला जा सके।