कोरोना पॉजिटिव को बताया निगेटिव, मेडिकल कॉलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा- सामान्य इंफेक्शन भी नहीं पकड़ पा रही किट

राजस्थान,जयपुर- चिकित्सा विभाग ने जिस रैपिड किट सेे कोरोना संदिग्धोें की जांच शुरू की थी वह पूरी तरह फेल है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने मंगलवार को चिकित्सा विभाग को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि रैपिड किट सामान्य इंफेक्शन को भी नहीं पकड़ पा रही। यही नहीं पीसीआर टेस्ट में जो 159 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे, उसमें से भी 94.6% को निगेटिव बता दिया। हैरत की बात है कि चिकित्सा विभाग ने मेडिकल कॉलेज को 100 किट देकर इसकी जांच कर इसके सही होने की पुष्टि करने को कहा था, लेकिन रिपोर्ट आए बिना ही टेस्ट को मंजूरी दे दी। इनसे शहर में 5032 टेस्ट हो चुके हैं, इनमें से सिर्फ 36 ही पॉजिटिव मिले। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन लोगों के रैपिड टेस्ट हुए क्या सभी के पीसीआर टेस्ट कराए जाएंगे?

मेडिकल कॉलेज ने रिपोर्ट में बताई 4 कमियां

जो 159 सैंपल पीसीआर में पॉजिटिव थे, उनमें से 94.6 प्रतिशत रैपिड किट से निगेटिव आए। आरटीपीसीआर (पॉलीमर्स चेन रिएक्शन) टेस्ट से ही सार्स और कोविड-19 की पुष्टि की जा रही है।
रैंडम सैंपल के लिए तौर पर 168 की जांच की। इसमें से केवल 5.4% की ही रिपोर्ट सही आई।
ब्लड टेस्ट में इम्युनोग्लोब्यूलिन के आईजीजी पुराने इंफेक्शन और आईजीएम रिसेंट इंफेक्शन को रिफ्लेक्ट करता है। हैरत की बात है कि रैपिड किट आईजीजी और आईजीएम दोनों को रिस्पांड नहीं कर रही।
प्लाज्मा से भी इंफेक्शन का पता चलता है। रैपिड किट ब्लड और सीरम के वायरस भी नहीं पकड़ पाई।
रैपिड टेस्ट किट से 10 से 15 मिनट में जांच
रैपिड टेस्ट में ब्लड निकालकर टेस्ट कार्ड में डाला जाता है। एंटीबाॅडी का बफर साेल्यूशन ब्लड पर डालते हैं। कार्ड में सिंगल लाइन आए तो रिपाेर्ट निगेटिव, डबल लाइन आए तो पाॅजिटिव। पूरी प्रक्रिया में करीब 10 से 15 मिनट का समय लगता है।

हालांकि पाॅजिटिव आने के बाद पुष्टि पीसीआर जांच से ही होती है। इसमें गले और नाक से स्वाब के सैंपल लेते हैं। रिपाेर्ट दाे से तीन दिन लगते हैं।

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